पूरे देश भर में स्वामी विवेकानंद जी के जयंती के पावन अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया, वर्धा हिंदी विश्वविद्यालय ने भी इस अवसर पर ‘ आत्मनिर्भर भारत और युवा समाजिक नेतृत्व’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का वर्चुअल माध्यम से आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति ने किया एवं वक्ता के रूप में दीन दयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव शामिल हुए। जिसमें विवेकानंद के विचारों और आज के युवाओं के बारे में चर्चा की गई।
पूरे देश में विभिन्न संगठनों, संस्थानों ने आज राष्ट्रिय युवा दिवस के अवसर पर कोरोनावायरस के नियमों का पालन करते हुए , विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया ।इसी कड़ी में युवा दिवस के अवसर पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में आयोजित आत्मनिर्भर भारत और युवा समाजिक नेतृत्व’ राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रजनीश कुमार शुक्ल ने अपने व्याख्यान में कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अध्यात्म के माध्यम से युवाओं को सामाजिक नेतृत्व करने के लिए प्रेरणा प्रदान किया ,आज युवाओं को आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए उनकी दृष्टि को अपनाने की जरूरत है। वहीं इस कार्यक्रम में वक्त के रूप में शामिल अभय महाजन ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने उपेक्षित ओर पीड़ितों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था,उनका मानना था कि जब तक व्यक्ति स्वावलंबी नहीं होगा,तब तक स्वाभिमान से जी नहीं सकता।
इस कार्यक्रम की प्रस्तावना में राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक एवं दूर शिक्षा निदेशालय के निर्देशक डॉ के बालराजु ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचारों का अनुसरण करना , राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रत्येक स्वयंसेवक का कर्तव्य है।इस कार्यक्रम का शुभारंभ कुलगीत एवं समापन राष्ट्रगीत से किया गया।इस पूरे कार्यक्रम का संचालन डॉ शिव सिंह बघेल ने एवं आभार ज्ञापन डॉ शंभू जोशी ने किया।इस दौरान अध्यापक शोधार्थी, विद्यार्थी, एवं NSS के स्वयंसेवक बड़ी संख्या में वर्चुअल माध्यम से जुड़े।