कुछ दिन पहले यह खबर आने लगी थी कि भारत सरकार पेगासस स्पाइवेयर के जरिए कई पत्रकारों और मशहूर हस्तियों के फोन के जरिए जासूसी कर रही है। जिसमें एक वैश्विक सहयोगी जांच के जरिए यह पता लगाया गया कि इसके जरिए भारत में 300 से अधिक मोबाइल फोन को टारगेट किया गया था। जिसमें वर्तमान सरकार के दो मंत्री, तीन विपक्षी नेता, एक जज, कई पत्रकार और अन्य लोग भी शामिल हैं।
आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से
क्या है पेगासस
पेगासस को इजराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ने तैयार किया है, ये स्पाइवेयर लोगों के फोन के जरिए उनकी जासूसी करता है। पेगासस एक लिंक भेजता है यदि उपयोगकर्ता लिंक पर जाकर क्लिक करता है तो उसके फोन पर मैलवेयर या निगरानी देने वाला कोड इंस्टॉल हो जाता है। बांग्लादेश समेत कई देशों ने इस स्पाइवेयर को खरीदा है। जिसको लेकर पहले भी काफी विवाद हो चुके हैं , मेक्सिको से लेकर सऊदी अरब की सरकार तक पर इसके उपयोग को लेकर काफी सवाल किए गए हैं। एक खबर में यह बताया गया है कि इस स्पाइवेयर के नए संस्करण के लिए किसी लिंक पर क्लिक करने की जरूरत नहीं होती है। इस पर फेसबुक समेत तमाम कंपनियों ने मुकदमे दायर किए हुए हैं।
वाट्सएप सबसे ज्यादा निशाने पर
व्हाट्सएप जो दुनिया भर में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला मैसेंजर ऐप है ,मई 2019 मे आयी एक रिपोर्ट में यह कहा गया था कि व्हाट्सएप के जरिए डिवाइस पर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के लिए बस एक मिस्ड कॉल की जरूरत थी, जो किसी भ्रामक लिंक को भेजने से ज्यादा आसान है। जिसके बाद व्हाट्सएप ने सफाई देते हुए कहा था कि, पेगासस के जरिए
ऐप पर वीडियो/वायस काल फंक्शन का फायदा उठाया जा रहा था, जिसमें जीरो डे सुरक्षा दोष था। जब उपयोगकर्ता ऐसे काल नहीं उठाता था तो इस कमी के कारण मैलवेयर को इंस्टॉल करने की अनुमति मिल जाती थी। यह एक ऐसी कमी थी जिसके बारे में सॉफ्टवेयर बनाने वाले को जानकारी नहीं होती है। वर्तमान में दुनिया भर मे 1.5 बिलियन व्हाट्सएप उपयोगकर्ता है, जिनमें से एक चौथाई 40 करोड़ भारत में है, इस हिसाब से भारत व्हाट्सएप के लिए बड़ा बाजार भी है। दूसरा पहलू यह भी है की व्हाट्सएप लगभग हर स्मार्टफोन मैं उपयोग होता है ,जिससे मनचाहे व्यक्ति के फोन में यह स्पाइवेयर आसानी से इंस्टॉल किया जा सकता है।
पेगासस कैसे काम करता है
पेगासस एक स्पाइवेयर है जिसे इजरायली साइबर सुरक्षा एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजी ने बनाया है, यह एक ऐसा प्रोग्राम है जिससे अगर किसी स्मार्टफोन में डाल दिया जाए तो ,कोई हैकर उस स्मार्टफोन के माइक्रोफोन, कैमरा, ऑडियो, टेक्स्ट मैसेज, ईमेल ऑल लोकेशन तक की जानकारी हासिल कर सकता है। पेगासस आपको एक्रिप्टेड ऑडियो सुनने और एन्क्रिप्टेड संदेश को पढ़ने लायक बना देता है। फेसबुक द्वारा अदालत में दिए गए बयान के अनुसार ये मैलवेयर ईमेल, एसएमएस,लोकेशन ट्रैकिंग, नेटवर्क विवरण,डिवाइस सैटिंग और ब्राउजिंग हिस्ट्री डेटा तक पहुंच सकता है। यह सब उपयोगकर्ता की जानकारी के बिना होती है।यह इंस्टॉल डिवाइस पर अपना कोई निशान नहीं छोड़ता है।
सरकार का जवाब
इसपर सरकार ने अपनी तरफ से जवाब देते हुए कहा बताया है कि लोगों पर सरकारी निगरानी के आरोपों का कोई ठोस आधार या इससे जुड़ा कोई सच नहीं है
