कंगना रनौत का पाली हिल्स स्थित आफिस को तोड़े जाने के मामले पर मुम्बई महानगर पालिका (बीएमसी) ने शुक्रवार को हाईकोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया है, उनके इस याचिका में कहा गया है कि अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा दायर याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है,इस लिए इस याचिका को खारिज कर अभिनेत्री कंगना पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि कंगना रनौत की ओर से 14 सितंबर को इस मामले में जवाब दाखिल किया गया था, जिसकी सुनवाई 22 सितंबर को होने वाली है।
क्या है पूरा मामला
9 सितंबर को पाली हिल स्थित कंगना रनोट के ऑफिस मणिकर्णिका फिल्म्स के कई हिस्सों को बीएमसी ने अवैध बताते हुए तोड़ दिया था । जिसके बाद हाईकोर्ट में कंगना रनोट की और से याचिका दायर कर इस कार्रवाई को अवैध बताते हुए बृहन्मुंबई महानगरपालिका ( बीएमसी ) से 2 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा गया है । हाईकोर्ट से भी अभिनेत्री को राहत देते हुए बंगले में यथास्थिति बनाने का आदेश दिया गया था , लेकिन जब तक कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाई , कंगना के वकील का दावा है तब तक बंगले को 40 फीसदी ध्वस्त किया गया था । इसमें झूमर , सोफा और दुर्लभ कलाकृतियों समेत कई कीमती सामान भी शामिल है ।
बीएमसी ने हलफनामे में क्या कहा
बीएमसी की तरह से दायर हलफनामे में कहा गया है कि रिट याचिका और उसमें मांगी गई राहत कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करती है।इस लिए इस प्रकार की याचिका पर विचार नहीं करना चाहिए और जुर्माना लगाकर खारिज कर देना चाहिए, उन्होंने अपने इस हलफनामे में कहा है कि उन्होंने कानूनी प्रक्रिया के तहत ही कंगना रनौत के आफिस को तोडा है।
बीएमसी ने हाईकोर्ट में दिए हलफनामे में बताया कि एक्ट्रेस कंगना रनोट के ऑफिस ग्राउंड फ्लोर के टॉयलेट को अवैध तरीके से रूम में बदला गया है । ग्राउंड फ्लोर में अवैध तरीके से किचन का निर्माण किया गया । इसके अलावा पैंट्री , टॉयलेट , केबिन , पूजा घर सहित और भी कई निर्माण को गैरकानूनी तरीके से किया गया है ।
कंगना रनौत इस समय अपने घर मनाली में है
कंगना 9तारीख को मुम्बई पहुंची थी, उसके बाद बीएमसी द्वारा तोडे गई आफिस को लेकर उन्होंने उद्धाव सरकार को निशाने पर लिया था, उसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से 13 सितंबर को मुलाकात की, उन्हें अपने साथ हुए घटना के बारे में जानकारी दी,14 सितंबर को वह मुम्बई से मनाली वापस लौट आई।