अब चिकित्सक,नर्से,और अन्य स्वस्थ कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, अब इसको गैरजमानती अपराध बनाने और स्वस्थ सेवाओं के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए आज महामारी(संसोधन) विधेयक2020 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है,अब यह विधेयक इस संबंध में जारी अध्यादेश का स्थान लेगी।
स्वस्थ एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्ष वर्धन इसके बारे में जानकारी दी
स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्ष वर्धन ने आज सदन में इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक राष्ट्रीय स्वस्थ नीति तैयार कर रही है, इस पर राज्यों के साथ विचार विमर्श किया जा रहा है । अभी तक 14 राज्यों के सुझाव मिल चुके हैं । उन्होंने कहा कि जैसे ही नीति तैयार होगी तो इसे सदन के समक्ष लाया जाएगा । उन्होंने कहा कि इस विधेयक में चिकित्सक समुदाय को सुरक्षा देने के पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं । इनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार को गैर जमानती बनाया गया है । इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं के उपकरणों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति से बाजार से दोगुनी कीमत वसूलने की व्यवस्था की गयी है । उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना महामारी के समय में चिकित्सक समुदाय , स्वास्थ्य कर्मियों और सफाई कर्मियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है । इसीलिए ये प्रावधान किये गये हैं । डा . हर्षवर्धन ने कहा कि चिकित्सक समुदाय की सुरक्षा के लिए भारतीय दंड संहिता और आपराधिक दंड संहिता में प्रावधान हैं । इसके अलावा सरकार चिकित्सक समुदाय की आर्थिक सामाजिक सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं ।
अध्यादेश संबंधी प्रमुख बिंदु
ध्यातव्य है कि देश भर में स्वास्थ्यकर्मियों के के विरुद्ध रही हिंसा में बढ़ोतरी को देखते हुए 22 अप्रैल , 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी बैठक में महामारी रोग अधिनियम , 1897 में संशोधन को मंजूरी दी थी , ताकि महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों और उनकी संपत्ति ( आवास तथा कार्यस्थल ) की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके । – महामारी रोग अधिनियम , 1897 में यह संशोधन स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हिंसा के कृत्य को संज्ञेय तथा गैर ज़मानती अपराध बनाता है और स्वास्थ्यकर्मी को हुई क्षति अथवा उसकी संपत्ति को हुई क्षति के लिये मुआवज़े का प्रावधान करता है । – वर्तमान अध्यादेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी स्थिति में मौजूदा महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों के विरुद्ध हिंसा या संपत्ति का नुकसान होने पर दोषी के साथ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई जाए ।
