Nation

लोकसभा में पारित हुए किसान विधेयक,20 सितंबर को हरियाणा बंद करने की तैयारी में जुटे किसान,कैन्द्र के किसान विरोधी अध्यादेश से नाराज़

कैन्द्र सरकार ने किसानों का उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश2020 , मूल्य,आश्वासन,और कृषि सेवा अध्यादेश2020 पर किसान समझौता, आवश्यक वस्तु (संबोधन अध्यादेश2020) को पारित किया है, ये तीनों अध्यादेश लाकडाउन के दौरान कैन्द्रा सरकार द्वारा पारित किया गया है।

पहले किसानों की फसल मंडियों से ही व्यापारी खरीद सकता था,ने कानून व्यवस्था में अब व्यापारी को मंडी से बाहर उत्पाद खरीदने का छूट

-अनाज, दालों, खाद्य तेल ,आलू,प्याज को जरुरी वस्तु अधिनियम से बाहर करके इनके स्टाक सीमा को समाप्त कर दिया गया।

-सरकार कान्टैक्ट फार्मिग को बढ़ावा देने की बात की है।

-पंजाब विधानसभा में अध्यादेश के खिलाफ कानून पारित, सरकार द्वारा इस ना लागू करने का निर्णय लिया गया।

-बरौदा उपचुनाव में भी राजनीति गरमाने की कोशिश, भाजपा को घेरने में कांग्रेस जुटी

-भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा संवाद स्थापित करके समाधान करने का हिमाकत किया

20 सितंबर को हरियाणा जाम करने की तैयारी में जुटे किसान

-कल लोक सभा में इस को पारित किया गया

-कैन्द्रीय केबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपना इस्तीफा सौंप,कहा किसान भाई के साथ खड़े

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा किसानों को भ्रमित करने के लिए बहुत सारी सक्तिया लगी हुई है, उन्होंने अस्वासन दिया कि सरकारी खरीद व्यवस्था बनी रहेगी।

पंजाब एवं हरियाणा के किसान कैन्द्र सरकार द्वारा पारित तीन किसान अध्यादेश को लेकर सरकार से बहुत नाराज़ हैं,इसी नाराज़गी को लेकर उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। गुरुवार को हुए किसान प्रर्दशन का आरंभ तब हुआ जब भारतीय किसान यूनियन (बीकेए) ने एक रैली का आयोजन किया,और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या44 कुरुक्षेत्र को रोक दिया। किसानों के उपर हरियाणा पुलिस द्वारा कोरोनावायरस को लेकर बनाए गए नियमों का ना पालन करना और सार्वजनिक संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने का आरोप लगाया गया

किसानों को किस बात को लेकर नाराज़गी है

किसान कैन्द्र सरकार के किसानों का उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य अध्यादेश को लेकर बहुत चिंतित हैं,इस अध्यादेश में सरकार विभिन्न राज्यों को कृषि के तहत अधिसूचित बाजारों के बाहर अवरोध मुक्त उपज के व्यापार करने के लिए प्रदान करना चाहता है। किसान को डर है कि इस अध्यादेश से उनके अपने उत्पादों को बेचने के लिए बनाए गए मंडी प्राणाली को समाप्त कर दिया जाएगा,और उनके उत्पाद सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी के नीचे बेच दिया जाएगा, जिससे उनके फसल उत्पाद का सही मूल्य उनको नहीं मिल पाएगा।

इसको लेकर राजनीति गरम

सरकार द्वारा पारित इस अध्यादेश का किसान सहित विपक्ष भी इसका विरोध कर रही है, न्यूज पीटीआई से बात करते हुए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस किसानों के लिए एक भयानक सपना करार दिया है, उन्होंने कहा कि “यह अध्यादेश किसानों के हितों के खिलाफ है, अगर सरकार इसे लागू करना चाहती है तो पहले उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि किसानों के उत्पादन निर्धारित समर्थन मूल्य के नीचे नहीं खरीदा जाएगा”
वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरमान सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई के माध्यम से कहा है कि उनका मानना है कि सरकार के इस अध्यादेश से किसानों का विनास होगा और वो बाज़ार के ताकतों के सामने आ जाएंगे।

कैन्द्र सरकार ने बताए इसके फायदे

मूल्य आश्वासन और फार्म सेवा अध्यादेश, 2020 पर किसानों (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौते की प्रमुख विशेषताएं: किसान अब खाद्य उत्पादों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों आदि का उत्पादन करने वाली कंपनियों के साथ उत्पादन की बिक्री के लिए प्रत्यक्ष समझौतों या वाणिज्यिक समझौतों में प्रवेश कर सकेंगे।

उत्पादन की बिक्री के बाद एक कंपनी या व्यवसायी के साथ तय किया जाता है, खरीदार अच्छी फसल उपज के लिए आवश्यक साधन या आदान प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होगा। उचित कृषि मशीनरी और उपकरण खरीदार द्वारा व्यवस्थित किए जाएंगे।

खरीदार किसान को तकनीकी मार्गदर्शन और सलाह देगा। और फसल के जोखिमों के लिए पूर्ण या आंशिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। फसल उत्पादन के दौरान, फसल किसान के स्वामित्व में रहेगी और फसल का बीमा किया जाएगा और किसान को वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने में सक्षम होना होगा, यदि आवश्यक हो तो फसल को समझौते के तहत उगाया जाए। कृषि उपज की बिक्री और ई के प्रावधानों से संबंधित नियमों और कानूनों को मुक्त किया जा सकता है एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट।

किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक की मुख्य विशेषताएं, 2020 किसान अब अपनी कृषि उपज को बेहतर कीमत पर अपनी पसंद के स्थान पर बेच सकते हैं, संभावित खरीदारों की संख्या में वृद्धि के साथ प्याज और आलू जैसी आवश्यक फसलें। खाद्य अनाज तिलहन और दलहन फसलों को आवश्यक वस्तु अधिनियम की सूची से बाहर रखा गया है। किसान अन्य राज्यों के लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के साथ भी सौदे कर सकते हैं। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों को उनकी उपज के अच्छे दाम मिलेंगे। इस विधेयक के तहत, कोई भी व्यापारी पैन नंबर व्यापार के लिए पात्र है किसान या व्यापारी इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक राज्य के भीतर या अन्य राज्यों के साथ व्यापार में संलग्न हो सकते हैं। यह बिल ‘वन नेशन वन मार्ल की अवधारणा को बढ़ावा देगा और किसानों को देश भर में अपनी उपज बेचने की अनुमति देगा।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.

16 + 19 =

News is information about current events. News is provided through many different media: word of mouth, printing, postal systems, broadcasting, electronic communication, and also on the testimony of observers and witnesses to events. It is also used as a platform to manufacture opinion for the population.

Contact Info

Address:
D 601  Riddhi Sidhi CHSL
Unnant Nagar Road 2
Kamaraj Nagar, Goreagaon West
Mumbai 400062 .

Email Id: [email protected]

West Bengal

Eastern Regional Office
Indsamachar Digital Media
Siddha Gibson 1,
Gibson Lane, 1st floor, R. No. 114,
Kolkata – 700069.
West Bengal.

Office Address

251 B-Wing,First Floor,
Orchard Corporate Park, Royal Palms,
Arey Road, Goreagon East,
Mumbai – 400065.

Download Our Mobile App

IndSamachar Android App IndSamachar IOS App

© 2018 | All Rights Reserved

To Top
WhatsApp WhatsApp us