Covid 19

महामारी में उम्मीद बनकर उभरी एनटीपीसी, बड़े स्तर पर चला रही है टीकाकरण अभियान

बिजली मंत्रालय के अधीन सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान न सिर्फ देश में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की, बल्कि उसने कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिये पूरे समाज की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। इस सिलसिले में कंपनी ने देश के विभिन्न हिस्सों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे में इजाफा किया है।

इसके अलावा एनटीपीसी पिछले कई महीनों से देश के विभिन्न हिस्सों में टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। इसी क्रम में, इस समय एनटीपीसी उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय द्वारा कर्मचारियों, उनके परिवार के सदस्यों तथा अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए अपोलो मेडिक्स के माध्यम से बड़े स्तर पर कोविड टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

सिंगरौली में चल रहा है टीकाकरण अभियान

सोमवार को सिंगरौली तथा विंध्याचल विद्युत गृह के लिए एनटीपीसी-सिंगरौली आवासीय परिसर स्थित अधिकारी क्लब में टीकाकरण शिविर का शुभारंभ किया गया। इस शिविर में अगले एक सप्ताह तक टीकाकरण का कार्यक्रम जारी रहेगा। इस कार्यक्रम से 18 से 45 आयु वर्ग के कर्मचारियों, उनके परिवार के सदस्यों, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान उनके आश्रित परिवार जन सहित मेन प्लांट में कार्यरत संविदा श्रमिकों को लाभ होगा। शिविर के शुरुआत के साथ ही लोगों की अच्छी भागीदारी देखने को मिली है। शिविर के शुभारंभ के पहले दिन ही लगभग 500 लोगों का टीकाकरण किया गया। एनटीपीसी की कोशिश है कि शिविर के अंत तक 3000 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया जाएगा।

मदद के लिए उपस्थित हैं वालंटियर

आपको बता दें, शिविर में टीकाकरण के लिए को-विन एप पर पंजीकरण एवं आधार कार्ड आवश्यक है, लेकिन इन सभी औपचारिकताओं को पूरा करने एवं अन्य जरूरी सहायता के लिए कार्यालय द्वारा उचित व्यवस्था की गई है। टीकाकरण स्थल पर क्लब नं.-1 में कोविड टीकाकरण के पंजीकरण के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा मानव संसाधन की टीम पंजीयन का कार्य कर रही है और वहीं आई टी विभाग लाभार्थियों को अपने विभाग से संबंधित जैसे फोटो, आवश्यक छाया प्रति, टोकन वितरण आदि कार्यो में सहयोग प्रदान कर रहा है। सिविल एवं इलेक्ट्रिकल विभाग द्वारा भी आवश्यक सेवाएं दी जा रहीं हैं।

दिल्ली एनसीआर में उपलब्ध करवायी कोविड चिकित्सा

एनटीपीसी, राज्य और जिला प्रशासन के साथ नजदीकी तालमेल बनाकर काम कर रही है और उसने दूर-दराज के इलाकों में भी बुनियादी चिकित्सा ढांचे का विस्तार किया है। दिल्ली और एनसीआर में, कोविड-19 के मामलों में तेजी के मद्देनजर एनटीपीसी ने अकेले एनसीआर में 200 ऑक्सीजन बेड और 140 आइसोलेशन बेड की सुविधा के लिये प्रयास किया, जिसके कारण कोविड मरीजों को बड़ी राहत मिली है। एनसीआर में यह सुविधा दादरी, नोएडा और बदरपुर में स्थापित की गई है। इन केंद्रों पर ऑक्सीजन सपोर्ट, कोविड टेस्टिंग, इनवेसिव और नॉन-इनवेसिव वेंटिलेटर, चौबीस घंटे नर्सिंग और चिकित्सा सहायता उपलब्ध है। इस सुविधा को 30 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। एनटीपीसी ने 40 से अधिक डॉक्टरों, सैकड़ों पैरा-मेडिकल और सपोर्ट स्टाफ की व्यवस्था की है। इसके साथ 7 ऐसी एंबुलेंस भी हैं, जो ऑक्सीजन से लैस हैं और 24 घंटे सेवा में उपलब्ध हैं।

ओडिशा में शुरू किया 500 बिस्तरों का अस्पताल

एनटीपीसी ने ओडिशा के सुंदरगढ़ में 400 करोड़ रुपये की लागत से 500 बिस्तरों वाला एक सर्व सुविधा सम्पन्न अस्पताल बनाया है। यह अस्पताल रिकॉर्ड समय में बनाया गया और महामारी के मद्देनजर उसे कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। यह अस्पताल इलाके के हजारों लोगों की सेवा कर रहा है। विभिन्न चिकित्सा उपकरणों के अलावा, इस अस्पताल में एनटीपीसी ने 20 वेंटिलेटर की सुविधा भी जोड़ दी है, जिससे गंभीर मरीजों के उपचार में मदद मिल रही है। इसके अलावा, गंभीर उपचार को देखते हुए एनटीपीसी अस्पताल को अतिरिक्त 40 वेंटिलेटर दे रहा है। एनटीपीसी डार्लिपाली भी झारसुगुड़ा में 30 आईसीयू बिस्तरों की सुविधा शुरू करने में सहायता कर रहा है।

मध्यप्रदेश और झारखंड में उपलब्ध करवायी कोविड चिकित्सा.

एनटीपीसी ने मध्यप्रदेश के खरगोन जिला अस्पताल में 250 ऑक्सीजन वाली बेड, 20 एचडीयू और 10 आईसीयू बेड की व्यवस्था की है। इसकी लागत 2.24 करोड़ रुपये आई है। यह सुविधा दूरदराज के लोगों के लिये वरदान साबित हो रही है। इसके कारण कोविड-19 के कहर से बेशुमार लोगों की जिंदगी बची है। झारखंड में एनटीपीसी, नॉर्थ करमपुरा, ने 53 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी है, जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, टंडवा, जिला चतरा, झारखंड में ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम वाले 15 आईसीयू बेड तैयार होने हैं। इसके अलावा हजारीबाग स्थित एनटीपीसी के पकड़ी बरवाडीह की खनन परियोजना ने रिम्स, रांची, आईटीकेईटीआई, रांची और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के लिये केंद्रीयकृत मेडिकल गैस पाइपलाइन प्रणाली बनाई है। इसकी लागत एक करोड़ रुपये है। इसके जरिये एक हजार से अधिक बेडों तक ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है। देश के दूरदराज के इलाकों में मौजूद एनटीपीसी की कई परियोजनाएं अपने आसपास बुनियादी चिकित्सा ढांचा तैयार करने में भरपूर योगदान कर रही हैं।

ऑक्सीजन आपूर्ति भी कर रही है एनटीपीसी

संकट के मौजूदा दौर में एनटीपीसी की विभिन्न परियोजनाओं ने जिला प्रशासनों को 2000 से अधिक औद्योगिक सिलेंडर उपलब्ध कराये हैं, जिन्हें बदलकर मेडिकल ऑक्सीजन के सिलेंडरों के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। ऑक्सीजन की मांग में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए, एनटीपीसी देश भर में ऑक्सीजन बनाने के बुनियादी ढांचे के विकास में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। कोविड मरीजों की जान बचाने के लिये ऑक्सीजन बहुत अहम है। इसी ख्याल से कंपनी ने दो दर्जन से अधिक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किए हैं। इनमें से कुछ संयंत्रों में ऑक्सीजन सिलेंडरों को भरने और रिफिल करने की भी सुविधा मौजूद है। इनमें से 09 पीएसए वर्ग के संयंत्रों और दो बॉटलिंग संयंत्रों को एनसीआर में लगाया जा रहा है। यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से पिछले महीने शुरू की गई है। एनटीपीसी की अन्य परियोजनाओं में रिहंद, ऊंचाहार, विंध्याचल (उत्तर प्रदेश), गाडरवारा, खरगोन (मध्य प्रदेश) और ओडिशा के दार्लीपाली में जिला और स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन संयंत्र लगाये जा रहे हैं। इन ऑक्सीजन जेनेरेशन संयंत्रों को लगाने के लिये एनटीपीसी ने 12 करोड़ रुपये से अधिक की रकम खर्च की है।

एनटीपीसी विंध्याचल ने 250 से अधिक कोविड मरीजों का इलाज किया

एनटीपीसी अपने आसपास के लोगों को न सिर्फ कोविड की जरूरी दवाएं उपलब्ध करा रहा है, बल्कि लोगों को चिकित्सा सुविधा भी प्रदान कर रहा है। अकेले एनटीपीसी विंध्याचल ने अपने आसपास के इलाकों के 250 से अधिक कोविड मरीजों का इलाज किया। यहां कंपनी के कर्मचारियों का भी उपचार किया गया।

जागरूकता अभियान भी चला रही है एनटीपीसी

अपने सभी कार्यस्थलों में बुनियादी चिकित्सा ढांचे को मजबूत करने और उसे बढ़ाने के साथ-साथ एनटीपीसी ने कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रति लोगों और समुदायों को जागरूक करने का भी बीड़ा उठाया है। सिंगरौली के एसपी के सहयोग से कोविड के खिलाफ जन अभियान की शुरूआत की है। इसके तहत दो समर्पित एम्बुलेंस कार्यरत हैं, जो ऑडियो-विजुअल सुविधा से लैस हैं। इसे एनटीपीसी, विंध्याचल ने तैयार किया है। इस अभियान के तहत 300 गांवों के पांच लाख लोगों तक पहुंच बनाई गई। इसके साथ ही एनटीपीसी के स्टेशनों ने सामुदायिक कल्याण के लिये पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर, सूखा राशन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का सार्वजनिक वितरण किया। एनटीपीसी परियोजनाएं, सीआईएसएफ फायर विंग के साथ मिलकर सौ से अधिक गांवों-कस्बों में जन स्वच्छता कार्यक्रम चला रही हैं। एनटीपीसी के लेडीज क्लब और एनटीपीसी कर्मचारी एनजीओ भी आगे आए हैं और इस संकट काल में समाज की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है।

एनटीपीसी के 70 हजार कर्मचारियों और उनके आश्रितों को लगे टीके

एनटीपीसी अपने सभी संयंत्रों के समस्त कर्मचारियों, उनके आश्रितों और अन्य हितधारकों के टीकाकरण के लिए भरपूर प्रयास कर रहा है। अब तक, एनटीपीसी ने अपने सभी संयंत्रों में 70 हजार से अधिक लोगों को टीके लगाये हैं, जिनमें उसके कर्मचारी, उनके आश्रित और अन्य लोग भी शामिल हैं। विभिन्न स्थानों पर जन टीकाकरण कैंप लगाए गए। इसके अलावा, एनटीपीसी का लक्ष्य है कि वह अपने कर्मचारियों, उनके परिजनों और सम्बंधित लोगों का शत प्रतिशत टीकाकरण कर दिया जाए। साथ ही आसपास के लोगों को भी टीके लगाने की योजना है। एनटीपीसी दार्लीपाली, अपने आसपास के लोगों का टीकाकरण करने के लिए 10 हजार टीकों का बंदोबस्त कर रहा है।

उम्मीद की किरण बनकर उभरी है एनटीपीसी.

एनटीपीसी लोक-दर्शन पर विश्वास करता है। लाभ से अधिक मनुष्य का महत्व है। इस गहरी संवेदना के साथ वह समाज का ऋण चुकाने के लिये प्रतिबद्ध है। एनटीपीसी की बेहतरीन कोशिशों के कारण कोविड-19 के खिलाफ जंग में नई किरण दिखाई दी है और वह संकट से उबरने में पूरे समाज की सहायता कर रही है। बुनियादी चिकित्सा ढांचे के साथ-साथ ऑक्सीजन सम्बंधी संरचना भी एनटीपीसी बना रही है। इससे महामारी के दौरान तो मदद मिल ही रही है, बल्कि आने वाले समय में भी संकटों से निपटने में इससे बहुत सहायता मिलेगी।

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