महाराष्ट्र में स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल, डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि , हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि सम्पूर्ण संस्कृति है ,यह हमें प्रेम , स्नेह, करुणा और ममता सिखाती है।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो कमलेश दत्त त्रिपाठी ने किया वहीं इस दीक्षांत समारोह में कुलपति ने रमेश पोखरियाल निशंक और डॉ विजय भटकर को डी लिट की उपाधि दी।
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में आयोजित पंचम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे ने हिंदी के बारे में बोलते हुए कहा कि हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं है बल्कि सम्पूर्ण संस्कृति है, हिंदी विश्वविद्यालय अपने स्थापना काल से ही महात्मा गांधी के ‘सर्व जन हिताय सर्वजन सुखाय’ के सपने को साकार किया है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा से अधिक प्रेम होना चाहिए। छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए , उन्होंने कहा कि हमें सार्वभौमिक विकास को गति देने की जरूरत है, ताकि हमारा राष्ट्र नई बुलंदियों को छू सके।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन,न ए युग की शुरुआत
इस दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे , विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो कमलेश दत्त त्रिपाठी ने नई शिक्षा नीति 2020 पर जोर देते हुए कहा कि ,
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन,न ए युग के समारंभ की सूचना है । उन्होंने आगे कहा कि आज समस्त भारतीय भाषाओं और हिंदी से न ई अपेक्षाएं तथा उसके सम्पूर्ति की संभावनाएं उपस्थित हुई है, अतः आज हिंदी विश्वविद्यालय के दायित्व में भी वृद्धि हुई है।
इस कार्यक्रम का स्वागत उद्बोधन एवं प्रतिवेदन कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने किया ,उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि विश्वविद्यालय स्थापना काल से ही विश्वविद्यालय ने अकादमिक अनुसंधान एवं सामाजिक परिवर्तन लाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पिछले एक वर्ष की अकादमिक गतिविधियों को रेखांकित हुए प्रो. शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने ध्येय के अनुसार ही हिंदी के पठन पाठन के लिए विदेश की महत्वपूर्ण संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन के अंतर्गत कार्यक्रमों की शुरूआत की है जिसके अंतर्गत विभिन्न देशों के उच्च अधिकारियों को हिंदी की बुनियादी शिक्षा दी जा रही है और यह योजना आगे भी जारी रहेगी।
45 को स्वर्ण पदक एवं 470 को डिग्री
विश्वविद्यालय के डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी भवन के कस्तूरबा सभागार में आयोजित इस दीक्षांत समारोह में कुलपति प्रो रजनीश कुमार शुक्ल ने 45 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक,470 स्नातकों को डिग्री प्रदान किया । जिसमें 27 विद्यार्थी पी एच डी ,44 विद्यार्थी एमफिल ,229 विद्यार्थी स्नातकोत्तर,170 विद्यार्थी स्नातक के थे।इस दीक्षांत समारोह में हिंदी साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट अवदान के लिए भारत के पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल एवं सुपर कम्प्यूटर के प्रारुपकार , सुविख्यात वैज्ञानिक डॉ विजय भटकर को डी लिट की उपाधि प्रदान किया।ये दोनों ने आभासी माध्यम से अपने मनोगत व्यक्त करते हुए संबोधित किया।
इस पूरे कार्यक्रम में इस अवसर पर कुलपति ,कार्य परिषद्, विद्या परिषद् के सदस्यगण, प्रतिकुलपति द्वय प्रो. हनुमान प्रसाद शुक्ल और डॉ. चंद्रकांत रागीट, अधिष्ठाता गण, विभागाध्यक्ष गण, कुलसचिव कादर नवाज़ ख़ान उपस्थित थे।