पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अगर उनकी जानकारी के बिना भारत के साथ करगिल युद्ध होता तो वह सेना प्रमुख को बर्खास्त कर देते । करगिल युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ लंबे समय से कहते रहे हैं कि उन्हें 1999 में संघर्ष शुरू होने के घटनाक्रम की जानकारी नहीं थी । शरीफ का कहना है कि तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने उन्हें सूचित किये बिना करगिल पर हमला किया था । इमरान खान ने गुरुवार को निजी टीवी चैनल ‘ समा टीवी को दिये साक्षात्कार में कहा , ” अगर करगिल अभियान मुझे जानकारी दिये बिना शुरू किया जाता तो मैं सेना प्रमुख को बर्खास्त कर देता । ” खान ने यह भी कहा कि अगर आईएसआई प्रमुख उन्हें इस्तीफे को कहते तो वह उसे भी हटा देते ।
खान ने यह भी कहा कि अगर आईएसआई प्रमुख उन्हें इस्तीफे को कहते तो वह उसे भी बर्खास्त कर देते । शरीफ को 2014 में आईएसआई प्रमुख ने इस्तीफा देने को कहा था दरअसल वर्ष 2014 में खान ने राजधानी में बड़ा धरना प्रदर्शन किया था तो आईएसआई प्रमुख ने शरीफ को इस्तीफा देने को कहा था । प्रधानमंत्री खान ने सैन्य प्रतिष्ठान पर निशाना साधने के लिए शरीफ को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सेना देश को एकजुट रख रही है । उन्होंने कहा कि लीबिया , सीरिया , इराक , अफगानिस्तान , यमन को देखिए । पूरा मुस्लिम जगत जल रहा है । हम कैसे सुरक्षित हैं ? अगर सेना नहीं होती तो हमारा देश तीन हिस्सों में बंटा होता ।
नवाज का आरोप
इमरान सेना की मदद से ही सत्ता में आए शरीफ ने हाल ही में लंदन से दो भाषण दिये थे , इसमें उन्होंने सेना पर राजनीति में हस्तक्षेप के लिए सीधे तौर पर निशाना साधा और दावा किया कि खान सेना की मदद से ही सत्ता में आए । जहां वह इलाज के लिए नवंबर 2019 से रह रहे हैं । जहां वह इलाज के लिए नवंबर 2019 से रह रहे हैं । सरकार चलाने का काम सेना का नहीं
: इमरान खान पीएम इमरान खान ने कहा कि सरकार चलाने का काम सेना का नहीं है और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार की नाकामी का इस्तेमाल मार्शल कानून लागू करने के लिए बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए ।