राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट)- 2020 का परिणाम घोषित कर दिया। परीक्षा में ओडिशा के शोएब आफताब ने 100 प्रतिशत अंक लाकर टॉप किया है। शोएब ने इसके अलावा दूसरा इतिहास ओड़िशा में पहली बार नीट टॉपर बनकर भी रचा है।
नीट का परिणाम एनटीए की आधिकारिक वेबसाइट ntaneet.nic.in पर जारी किया गया है। परिणाम के साथ एनटीए ने फाइनल प्रश्नोत्तर भी जारी कर दिया है। इस परीक्षा में शोएब आफताब ने 720 में से 720 अंक लाकर टॉप किया है। शोएब ने इसके अलावा दूसरा इतिहास ओड़िशा में पहली बार नीट टॉपर बनकर भी रचा है। 100 प्रतिशत अंक पाने वाले शोएब के परिजन अपने बेटे की मेहनत और जज्बे से बहुत खुश हैं। फिलहाल टॉपर की लिस्ट अभी एनटीए की ओर से औपचारिक रूप से जारी होना बाकी है।
इस परीक्षा के लिए कुल 15.97 लाख उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। इनमें से 85 से 90 प्रतिशत परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। इस साल करीब 14.37 लाख से अधिक उम्मीदवार महामारी के बावजूद 13 सितंबर प्रवेश परीक्षा में शामिल हिए थे। कैंटोनमेंट जोन में होने के चलते जो छात्र परीक्षा नहीं दे पाए थे उनके लिए 14 अक्टूबर को फिर से परीक्षा का आयोजन किय गया था इसलिए रिजल्ट में थोड़ी देरी हो गई। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों को देश के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में संचालित एमबीबीएस व बीडीएस कोर्सेज में एडमिशन मिलेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने नीट के रिजल्ट के बाद खुशी जताई है और कहा है कि विद्यार्थियों के करियर की प्रगति एवं बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए इन परीक्षाओं का आयोजन बेहद जरूरी था। गौरतलब है कि तमाम विरोध के वाबजूद भी निशंक ने नीट का आयोजन करवाया था। विपक्ष ने इसपर राजनीति भी शुरू कर दी थी। केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने एनटीए को परीक्षा के बेहतर संचालन को लेकर बधाई दी है।
उन्होंने कहा है कि सभी लोगों के कठिन परिश्रम के चलते परीक्षा का सफल आयोजन और समय पर रिजल्ट जारी हो पाया है। उन्होंने साफ कहा है कि कोविड महामारी के चलते देशभर में परीक्षा के आयोजन को लेकर माहौल खराब करने की कोशिश की गई थी लेकिन बेहतर संकल्प और इच्छाशक्ति के चलते न केवल छात्रों का एक साल बच गया है बल्कि देश-विदेश में कहीं भी अध्ययन में छात्रों को बाधा नहीं उत्पन्न होगी।
उन्होंने कहा है सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी परीक्षा के संचालन में प्रशासनिक मदद की और विपरित परिस्थितियों में सहयोग किया। देशभर में लॉकडाउन का पालन करते हुए इस परीक्षा का आयोजन करवाना किसी चुनौती से कम नहीं था। इन परीक्षाओं का आयोजन से जहां छात्रों का एक साल बर्बाद होने से बच गया वही छात्रों की योग्यता, विश्वसनीयता, छात्रवृत्ति, पुरस्कार, प्लेसमेंट तथा विश्व के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश की स्वीकार्यता और बेहतर भविष्य-निर्माण की संभावनाओं अब कोई बाधा नहीं आएगी।
(हिन्दुस्थान समाचार)
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