कर्नाटक में नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय स्टेट बैंक ने जल संभर विकास और जनजातीय विकास परियोजनाओं के लाभार्थियों को रियायती दरों पर वित्तीय सुविधा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं । नाबार्ड के अध्यक्ष – सह – प्रबंध निदेशक नीरज कुमार वर्मा और भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक अभिजीत मजूमदार ने आज बेंगलुरु में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ।
इसका लक्ष्य कर्नाटक के 28 जिलों में 260 किसान संगठनों के 45 हजार लाभार्थियों की सहायता करना है । इसमें स्वयंसहायता समूहों और संयुक्त उत्तरदायी समूहों के 8 हजार 5 सौ लाभार्थियों को भी शामिल किया जाएगा । इस वर्ष पहली अक्तूबर को 3 लाख दो हजार 614 स्वयंसहायता समूहों का डिजिकरण किया गया । उनमें से कर्नाटक के 29 जिलों में 2 लाख 81 हजार 755 क्रेडिट लिंक शुरू किए गए । ये सभी ई शक्ति परियोजना से जुड़े हैं । आज हुए समझौते के अंतर्गत स्टेट बैंक को स्वयं सहायता समूहों को डिजिकृत और राज्य भर में ई – शक्ति पोर्टल पर आंकड़े अपलोड करेगा । बैंक की प्रत्येक ग्रामीण और अर्ध – शहरी शाखाएं इसके लिए प्रतिवर्ष वित्तीय सुविधा प्रदान करेंगी ।
