दिल्ली-यूपी समेत कई जगहों पर करीब 1 हजार से ज्यादा लोगों का जबरन धर्मांतरण का खुलासा होने के बाद योगी सरकार अब सख्त हो गई है. सीएम योगी ने सख्त एक्शन लेते हुए जांच एजेंसियों को मामले की पूरी तह तक जाने का निर्देश जारी किया है. सीएम योगी ने जांच एजेंसियों को निर्देश देते हुए कहा है कि जो लोग भी जबरन धर्मांतरण के मामले में संलिप्त हैं उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए.
जबरन धर्म बदलवाने वाले लोगों पर NSA लगाने का भी निर्देश सीएम योगी की तरफ से दिया गया है. अब जबरन धर्मांतरण कराने वालों की प्रॉपर्टी भी यूपी सरकार जब्त करेगी. योगी सरकार इस मामले पर काफी सख्ती दिखा रही है. जबरन धर्म बदलवाने को लेकर यूपी में पहले से ही सख्त कानून लागू है.
उत्तर प्रदेश में चल रहा था धर्म परिवर्तन रैकेट
उत्तर प्रदेश पुलिस को धर्मांतरण कराने की सूचनाएं मिल रही थी. लेकिन पुलिस को ये अंदाजा नहीं था कि जो रैकेट ये काम कर रहा है, उसके तार कहां और कितने फैले हो सकते हैं. पुलिस ने सूचना के आधार पर जानकारी जुटानी शुरू की तो आगे चलकर पता चला कि इस मामले में विदेशी फंडिंग भी होती है. अब पुलिस के हाथ कई सुराग लग चुके थे. लिहाजा इस रैकेट में आरोपियों की धरपकड़ के लिए यूपी एटीएस को लगाया गया.
एटीएस की टीम ने नोएडा में दबिश दी और दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. जिनकी पहचान आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी के तौर पर हुई. एटीएस को शक है कि इस रैकेट में 100 से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं. एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार के मुताबिक पिछले एक साल में 350 लोगों का धर्मांतरण कराया गया है. नोएडा के एक मूक बधिर स्कूल के 18 बच्चों का भी धर्मांतरण कराया गया. एडीजी का दावा है कि अब तक ये रैकेट एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है. ये पूरा रैकेट पिछले दो साल से चल रहा था.
सोमवार को दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच लखनऊ में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह की कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में तीन जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया था, पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए एटीएस के विवेचक के प्रार्थना पत्र पर अदालत सुनवाई करेगी
यूपी सरकार ने साफ किया कि हर धर्म के लोगों को अपनी बात कहने और रखने का अधिकार है। लेकिन बलात अगर धर्मपरिवर्तन का मामला सामना आता है तो सरकार कार्रवाई करेगी। हालांकि विपक्ष इसे सिर्फ बड़े मुद्दों से ध्यान हटाने की कवायद बता रहा है। विपक्ष का कहना है कि जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते हैं बीजेपी की तरफ से सांप्रदायिक राजनीति शुरू की जाती है। लेकिन काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती है। यूपी की जनता अब समझदार हो चुकी है।
