नेशनल कंपनीज लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने कल लंदन स्थित कलरॉक कैपिटल और संयुक्त अरब अमीरात के व्यवसायी मुरारी लाल जालान के एक संघ द्वारा प्रस्तुत जेट एयरवेज की पुनरुद्धार योजना को मंजूरी दे दी।
एनसीएलटी ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और विमानन मंत्रालय को कर्ज में डूबी जेट एयरवेज को स्लॉट आवंटित करने के लिए 90 दिन का समय दिया है।
कलरॉक-जालान कंसोर्टियम ने बैंकों, वित्तीय संस्थानों और कर्मचारियों को अगले पांच वर्षों में 1,200 करोड़ रुपये चुकाने का प्रस्ताव दिया था और जेट एयरवेज को 30 विमानों के साथ एक पूर्ण सेवा एयरलाइन के रूप में स्थापित करने की योजना बनाई थी। हालांकि, उड्डयन मंत्रालय ने तर्क दिया था कि एयरलाइन स्लॉट का दावा करने के लिए ऐतिहासिकता पर भरोसा नहीं कर सकती है। स्लॉट के आवंटन पर अंतिम फैसला नागरिक उड्डयन नियामक करेगा। अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज के बंद होने के बाद, इसके स्लॉट अन्य एयरलाइनों को आवंटित किए गए थे।
DGCA और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने हाल ही में बैंकरप्सी कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके कहा था कि जेट एयरवेज यह दावा नहीं कर सकती कि उसके पास पहले जो स्लॉट थे वही दोबारा दिए जाएं। उसे नए स्लॉट का आवंटन मौजूदा गाइडलाइंस के जरिए किया जाएगा।
जनाब मोहम्मद अजमल और वी नलसेनपति की दो सदस्यीय पीठ ने पहले सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। जेट एयरवेज के शेयर की कीमत पिछले 9 महीनों में 270 फीसदी से ज्यादा उछल गई है।