उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करते हुए कहा कि आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान एवं चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए श्री मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है।
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्राइन बोर्ड की तर्ज पर वर्ष 2019 में चारधाम देवस्थानम बोर्ड बनाने का फैसला लिया था । जिसका तीर्थ पुरोहितों ने जमकर विरोध किया था , पुरोहितों के भारी विरोध के बावजूद त्रिवेंद्र सिंह की सरकार ने सदन से विधेयक पारित कर अधिनियम बनाया था।
इस बोर्ड में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम समेत 51 मंदिर शामिल थे । इसके पीछे सरकार का तर्क था कि यात्री सुविधाओं के लिए अवस्थापना विकास होगा। किंतु पुरोहितों के भारी विरोध के बाद पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जिसे मंत्रिमंडलीय उप समिति ने रिपोर्ट का परीक्षण कर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी। जिसके बाद मुख्यमंत्री का यह फैसला आया