भारत पड़ोसी और मित्र देशों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। इसी क्रम में भारत और नेपाल के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत 2015 के विनाशकारी भूकंप से क्षतिग्रस्त 14 सांस्कृतिक विरासत और 103 स्वास्थ्य क्षेत्र की परियोजनाओं के पुनर्निर्माण किया जाएगा।
पुनर्निर्माण में 420 करोड़ नेपाली रुपये की लागत
नेपाल में स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि इन परियोजनाओं के पुनर्निर्माण में 420 करोड़ नेपाली रुपये की लागत होगी। भारतीय दूतावास और पुनर्निर्माण प्राधिकरण की केंद्रीय स्तरीय परियोजना कार्यान्वयन इकाई ने ललितपुर, रासुवा, नुवाकोट, सिंधुपालचौक, डोलाखा, गुर्मी, गुर्खा, कावरे जिलों में 103 स्वास्थ्य क्षेत्र की परियोजनाओं के पुनर्निर्माण के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
नेपाल के लिए 250 मिलियन डॉलर का अनुदान
भारतीय मिशन के प्रथम सचिव (विकास भागीदारी और पुनर्निर्माण) करुण बंसल और नेपाल के सीएलपीआईयू (भवन) के परियोजना निदेशक श्याम किशोर सिंह की उपस्थिति में दोनों पक्षों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। भूकंप के बाद के पुनर्निर्माण पैकेज के लिए भारत ने शिक्षा, सांस्कृतिक विरासत और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50 मिलियन अमरीकी डॉलर और आवास क्षेत्र के लिए 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर सहित कुल 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान आवंटित किया है।
अलग-अलग क्षेत्रों का भी होगा पुनर्निर्माण
कुल मिलाकर, 71 शिक्षा क्षेत्र की परियोजनाएं, 7 जिलों में 28 सांस्कृतिक विरासत क्षेत्र की परियोजनाएं, 10 जिलों में 147 स्वास्थ्य सुविधाएं और गोरखा और नुवाकोट में 50,000 घरों का निर्माण भारत की अनुदान सहायता से किया जा रहा है। बताया गया कि भारत सरकार इन सभी क्षेत्रों में नेपाल के पुनर्निर्माण के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
बता दें कि अप्रैल 2015 में हिमालयी राष्ट्र में आए विनाशकारी भूकंप ने 9,000 से अधिक लोगों की जान ले ली और 800,000 से अधिक घरों और स्कूलों को नुकसान हुआ था।
(इनपुट हिंदुस्तान समाचार)