कई दिनों से पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बर्फ बारी और उत्तर पश्चिम दिशा से आने वाली ठंडी हवाओं की वजह से राजधानी में तापमान तेजी से गिरने लगा है । शुक्रवार को राजधानी में न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ , जो बीते 14 वर्षों में 20 नवंबर को सबसे कम है ।
स्काईमेट वेदर के प्रमुख वैज्ञानिक महेश पलावत के अनुसार , न्यूनतम तापमान जब 10 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया जाता है और सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आती है तब मैदानी इलाकों के लिए शीत लहर मानी जाती है । पलावत के अनुसार , पश्चिमी हिमालय से आने वाली बर्फीली हवाओं के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है । वहीं , आगामी शनिवार तक तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी । हालांकि , आगामी 23 नवंबर के बाद से न्यूनतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना बनी हुई है । साथ ही हवाओं का रुख उत्तर- पश्चिम दिशाओं के बदले पूर्वी- दक्षिण दिशा की ओर हो जाएगा ।
दिन तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम होने पर आमतौर पर उसे शीतलहर जैसी स्थिति मानी जाती है । मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों के बीच दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में शीतलहर जैसी स्थिति हो सकती है । खासतौर पर सुबह के समय लोगों को खासी ठंडी हवा का सामना करना पड़ेगा । सिर्फ एक दिन तापमान सामान्य से ऊपर इस बार नवंबर के अब तक के महीनों में सिर्फ एक ऐसा रहा है जब तापमान सामान्य से ऊपर गया है । बादल छाए रहने के चलते 16 नवंबर को न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था । जो सामान्य से दो डिग्री ज्यादा रहा है । बाकी दिनों में तापमान सामान्य से एक से लेकर पांच डिग्री तक कम रहा है ।
58 सालों में सबसे ठंडा रहा था अक्तूबर
इस बार का अक्तूबर भी बीते 58 सालों में ठंडा रहा था । अक्तूबर का औसत न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस रहा था । जबकि , अक्तूबर में औसत न्यूनतम तापमान सामान्यतौर पर 19.1 डिग्री सेल्सियस रहता है । इससे पहले वर्ष 1962 का अक्तूबर महीना इससे ज्यादा ठंडा रहा था । उस साल अक्तूबर का औसत न्यूनतम तापमान 16.9 डिग्री सेल्सियस रहा था ।
