भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव के तहत विज्ञान यात्राएं विज्ञान को बढ़ावा देने वाली गतिविधि हैं । इसके तहत देश के विभिन्न शहरों से मोबाइल विज्ञान प्रदर्शनियां शुरू होंगी । इन विज्ञान यात्राओं का उद्देश्य आम जनता में वैज्ञानिक प्रवृत्ति का विकास करना और विज्ञान की संस्कृति पैदा करना है ।

विज्ञान प्रदर्शनियां क्योंकि मोबाइल वैन्स पर हर स्थानीय स्कूल और विश्वविद्यालय तक जाती हैं । अत : सभी छात्र उसे देख सकते हैं और यह युवा मानस को भी विज्ञान के प्रति सचेत बनाती है और उनमें विज्ञान के प्रति दिलचस्पी और जागरूकता पैदा करती है । कोविड -19 महामारी के इस अप्रत्याशित माहौल में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव का छठा संस्करण वर्चुअल मंचों पर आयोजित किया जाएगा । इन विज्ञान यात्राओं के आयोजन के लिए देशभर में 30 स्थलों की पहचान की गई हैं । इन आयोजनों में प्रमुख विज्ञान विशेषज्ञ , अध्यापक , नवोन्मेषी , छात्र और स्थानीय शोधकर्ता भाग लेंगे ।
कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव 2020 के महत्व और उसकी मुख्य उपलब्धियों की चर्चा की । उन्होंने अपना भाषण विज्ञान भारती और विज्ञान उत्सव पर केन्द्रित रखा । नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ . एस.पी. गौतम भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने ‘ जीवन की उत्पत्ति और विकास ‘ विषय पर अपने विचार रखें ।
गोवा स्थित विज्ञान परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर सुहास गौडसे ने धन्यवाद ज्ञापन किया । भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव 2020 के तहत कर्टेन रेजर , विज्ञान यात्रा और आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए गए । मणिपुर के इम्फाल स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ बायोरिसैसेज एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट ( आईबीएसडी ) ने भी विज्ञान उत्सव -2020 के लिए कर्टेन रेजर सह विज्ञान यात्रा का आयोजन किया । यह संस्था जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्तशासी संस्थान है ।
