राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज शिक्षक दिवस के अवसर पर देश भर से चयनित 47 शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू हुआ जिसमें राष्ट्रपति ने सभी शिक्षकों को पहले शिक्षक दिवस की बधाई एवं शुभकामानाएं दी और बाद में उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मानित भी किया।
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा शिक्षक दिवस पर सभी को मेरी ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मैं राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुने गए सभी शिक्षकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
उन्होंने शिक्षकों से कहा सामान्यत: सबके बीच आकर स्वयं पुरस्कार प्रदान करके उन्हें और अधिक प्रसन्नता होती लेकिन कोविड-19 की वैश्विक महामारी के कारण यह संभव नहीं हुआ।
राष्ट्रपति ने सम्मानित शिक्षकों से कहा कि उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और परिश्रम के माध्यम से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने विद्यार्थियों के जीवन को भी समर्द्ध बनाया है।
इस कार्यक्रम में लद्दाख से लेकर तमिलनाडु तक और गुजरात से लेकर त्रिपुरा तक पूरे देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक जुड़े। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बात पर विशेष जोर देते हुए कहा कि “सम्मानित किए गए 47 शिक्षकों में से 18 अध्यापिकाएं हैं। यानी लगभग 40 प्रतिशत। यह देखकर मुझे विशेष खुशी हुई है।”
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक के रूप में महिलाओं ने हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज हम सब पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को कृतज्ञतापूर्वक याद करते हुए नमन करते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक, स्टेट्समैन और बुद्धिजीवी थे लेकिन इन सबसे बढ़कर वह एक असाधारण शिक्षक भी थे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक किस्से का जिक्र करते हुए कहा, एक बार डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन से उनके विद्यार्थियों और मित्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी लेकिन जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे जन्मदिन को अलग से मनाने की बजाये मेरे लिए ये सौभाग्य की बात होगी कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए।
शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने एक बार कहा था कि “Teachers should be the best minds in the country”
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा भारत सहित दुनिया में सभी शिक्षण संस्थान बंद है लेकिन शिक्षक कई डिजिटल माध्यमों के जरिए बच्चों तक पहुंचने के लिए प्रयासरत्त हैं लेकिन ऑनलाइन शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए अभिभावकों की भागीदारी जरूरी।
