लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक व केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान शनिवार शाम पटना के दीघा के जनार्दन घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गये। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। लोजपा अध्यक्ष और जमुई सांसद बेटे चिराग पासवान ने उन्हें मुखाग्नि दी। दीघा घाट पर पिता रामविलास पासवान को मुखाग्नि देते हुए बेटे चिराग पासवान बेहद भावुक हो गये और बेहोश होकर गिर पड़े। अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, बिहार के मंत्री मंगल पांडेय, नंदकिशोर यादव, पप्पू यादव, तेजस्वी प्रसाद यादव सहित हजारों ने नम आंखों से रामविलास पासवान को आखिरी श्रद्धांजलि दी। अंतिम संस्कार में केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि ये समय पासवान के जाने का नहीं था।
घर से निकाली गई अंतिम यात्रा
इससे पहले पासवान के पटना के एसके पुरी स्थित घर से अंतिम यात्रा निकाली गई। बेटे चिराग पासवान ने जैसे ही पिता को कंधा दिया, लोगों की आंखें नम हो गईं। इस दौरान रामविलास अमर रहे के नारे लगातार लग रहे थे। इसके बाद पार्थिव शरीर को सेना के वाहन से दीघा घाट लाया गया। अंतिम संस्कार के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, अश्विनी चौबे, नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, बिहार के मंत्री मंगल पांडेय, नंदकिशोर यादव, पप्पू यादव, तेजस्वी प्रसाद यादव सहित हजारों लोग मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि 8 अक्टूबर की रात करीब पौने नौ बजे दिल्ली के फोर्टिस एस्कार्ट अस्पताल में रामविलास पासवान का निधन हो गया था। अगले दिन 9 अक्टूबर की रात करीब आठ बजे पासवान का पार्थिव शरीर पटना पहुंचा था। साथ में केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में मंत्री रविशंकर प्रसाद भी साथ आये थे। एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। उसके बादर बिहार विधानसभा परिसर और लोजपा कार्यालय में उनके पार्थिव शऱीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। देर रात पार्थिव शरीर उनके एसके पुरी आवास ले जाया गया।
अंतिम दर्शन के लिए पहुंची पहली पत्नी, श्रद्धांजलि देने वक्त बेहोश हुईं राजकुमारी
पटना के श्रीकृष्णापुरी स्थित आवास पर रामविलास पासवान को अंतिम दर्शन करने और श्रद्धांजलि देने उनकी पहली पत्नी राजकुमारी देवी भी गांव से पहुंची। इस दौरान वे इतनी भावुक हो गई कि उनकी तबीयत खराब हो गई और बेहोश हो गईं। आनन-फानन में परिजन उन्हें वहां से हटाये और घर लेकर गये।
दो अक्टूबर को एम्स में हुई थी हार्ट सर्जरी
रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में गुरुवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार थे और 11 सितंबर को अस्पताल में भर्ती हुए थे। एम्स में 2 अक्टूबर की रात उनकी हार्ट सर्जरी हुई थी। इससे पहले भी एक बायपास सर्जरी हो चुकी थी।
हाजीपुर जोनल ऑफिस, अंबेडकर जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश पासवान की देन
रामविलास पासवान के नाम कई उपलब्धियां हैं। हाजीपुर में रेलवे का जोनल ऑफिस रामविलास पासवान की ही देन है। अंबेडकर जयंती के दिन राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा पासवान की पहल पर ही हुई थी। राजनीति में बाबा साहब, जेपी, राजनारायण को अपना आदर्श मानने वाले पासवान ने राजनीति में कभी पीछे पलट कर नहीं देखा।
एनडीए छोड़कर गये, फिर आये वापस
रामविलास पासवान ने 2002 के गोधरा दंगों के बाद तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देकर एनडीए गठबंधन से भी नाता तोड़ लिया था। इसके बाद पासवान कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) में शामिल हुए और मनमोहन सिंह कैबिनेट में दो बार मंत्री रहे। हालांकि, 2014 आते-आते पासवान एक बार फिर यूपीए का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए। 2014 और फिर 2019 में बनी नरेंद्र मोदी की दोनों सरकारों में उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में अहम मंत्रालय दिए गए।
