सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्यंमत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बड़ी राहत दी है । सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश देने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश पर गुरुवार को रोक लगा दी ।
दो पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि 2016 में झारखंड के ‘ गौ सेवा आयोग ‘ के अध्यक्ष पद पर एक व्यक्ति की नियुक्ति का समर्थन करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के रिश्तेदारों के खातों में धन अंतरित किया गया था । न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मुख्यमंत्री को सुने बगैर ही हाईकोर्ट द्वारा इस तरह का सख्त आदेश देने से सब भौंचक्के रह गए क्योंकि पत्रकारों की याचिका में रावत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध भी नहीं किया गया था । रावत की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा की मुख्यमंत्री को सुने बगैर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा
की मुख्यमंत्री को सुने बगैर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती और इस तरह का आदेश निर्वाचित सरकार को अस्थिर करेगा । वेणुगोपाल ने पीठ से कहा , एक निर्वाचित सरकार को इस तरह से अस्थिर नहीं जा सकता । सवाल यह है कि पक्षकार को सुने बगैर ही क्या स्वत : ही इस तरह का आदेश दिया जा सकता है ।
नैनीताल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ आरोपों की प्रकृति पर विचार करते हुए सच को सामने लाना उचित होगा । यह राज्य के हित में होगा कि संदेह दूर हो । इसलिए मामले की जांच सीबीआई करे ।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री रावत का इस्तीफा मांगा कांग्रेस ने बुधवार को नैतिक आधार पर रावत का इस्तीफा मांगा । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा , एक ऐसा मुख्यमंत्री जो भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की ‘ जीरो टॉलरेंस ‘ की नीति का बखान करने से नहीं थकता , उसे ( अदालत का ) ऐसा ( सीबीआई जांच का आदेश आने के बाद अब एक मिनट भी पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है । कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलने का समय मांगा है , जिससे वह उनके सामने इस मुददे को रख सकें और इस मामले में उनसे दखल देने का अनुरोध कर सकें ।
यह कोर्ट का मसला है । इस पर न्यायिक दृष्टि से ही काम किया जाएगा । जो भी चीजें होंगी वे कोर्ट के मार्फत ही स्पष्ट होंगी । सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है । त्रिवेंद्र रावत , मुख्यमंत्री
