हाल ही में लेबनान में हुए धमाके से बेरूत में मानों त्राही-त्राही मच गई। लेबनान सरकार स्थितियों को सामान्य बनाने की पुरजोर कोशिशें कर रही है। खास बात यह है कि उसमें भारत ने भी मदद पहुंचाने का काम किया है।
दरअसल भारत ने बेरूत को दाल, चीनी समेत कई खाद्य सामग्री पहुंचायी है। केंद्रीय पूल में अहम योगदान देने वाले हरियाणा ने अब विदेशों की मदद में भी अहम भूमिका निभानी शुरू कर दी है। केंद्र के निर्देश पर हरियाणा ने बेरूत की मदद को हाथ बढ़ाया है। जिसके चलते हरियाणा से भारी मात्रा में चीनी, दालें तथा अन्य खाद्य सामग्री लेबनान की राजधानी बेरूत में भेजा जा रहा है।
बेरूत विस्फोट में 100 से अधिक लोगों की जान गई है। बेरूत में पैदा हुए संकट के दौरान वहां खाद्य सामग्री का स्टॉक पूरी तरह से खत्म हो गया है। भारत सरकार ने पड़ोसी देश बेरूत की मदद को हाथ बढ़ाए हैं। जिसके केंद्रीय विदेश मंत्रालय के अंडर सैक्रेटरी ने इसके लिए हरियाणा सरकार से लेबनान की मदद का आग्रह किया था। राज्य सरकार ने हैफेड के जरिये लेबनान की राजधानी बेरूत के लोगों के लिए राहत सामग्री भेजी है।
कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि एयरफोर्स के जहाज से राहत सामग्री की पहली खेप भेजी जा चुकी है। हरियाणा सरकार ने बेरूत के लोगों के लिए 10 टन चीनी, दस टन दाल और 14 टन गेहूं का आटा भेजा है। उन्होंने बताया कि हैफेड की खुद की आटा मिल हैं। हैफेड ने दाल नैफेड से खरीद कर भेजी है। विदेश मंत्रालय ने हरियाणा को लेबनान को 50 मीट्रिक टन खाद्य सामग्री भेजने को कहा था। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस से एयरफोर्स के जहाजों के जरिये यह खाद्य सामग्री भेजी गई है।
हैफेड की ओर से 30 टन आटा तैयार कर लिया गया था लेकिन जहाज की क्षमता कम होने की वजह से फिलहाल 16 टन ही भेजा जा चुका है। बाकी का तरावड़ी फ्लोर मिल में रखा गया है और इसे भी जल्द भेजा जाएगा। हैफेड के एमडी डीके बेहरा का कहना है कि तरावड़ी राइस मिल के महाप्रबंधन प्रदीप हुड्डा को कार्डिनेशन का जिम्मा सौंपा है। उनके जरिये ही गाजियाबाद तक चीनी, आटा व दाल की पैकिंग भेजी गई है। केंद्र सरकार अगर कहेगी तो और भी राहत सामग्री भेजी जाएगी। सरकार ने दाल-चीनी व आटा का प्रबंध किया हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार
