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भारत और चीन की सेना इस बात पर राजी हुई – पूर्वी लद्दाख से सैनिकों को पीछे किया जाएगा.

भारत और चीन की सेना इस बात पर राजी हुई हैं कि पूर्वी लद्दाख से सैनिकों को पीछे किया जाएगा.

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में मई महीने से सीमा पर जारी तनाव के दिवाली से पहले खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं । दोनों देशों की सेना लद्दाख सीमा पर फिंगर इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमत हुई हैं । सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी ।

सीमा पर तनाव घटाने के लिए छह नवंबर को चुशुल में आयोजित दोनों देशों के बीच कॉर्स कमांडर स्तर की वार्ता में पीछे हटने की इसे योजना पर चर्चा की गई । दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर के कुछ हिस्सों से पीछे हटने पर सहमति व्यक्त की है , जिसके तहत वे इस साल अप्रैल – मई वाले स्थानों पर वापस लौट जाएंगी ।

सूत्रों ने बताया कि पैंगोंग इलाके से यह डिस एंगेजमेंट प्लान वार्ता के एक हफ्ते के अंदर शुरू हो जाएगा और यह तीन स्टेप्स में पूरा होगा । इसके तहत , चीन टैंक , बख्तरबंद वाहनों को सीमा से फ्रंटलाइन एरिया से दूर लेकर जाएगा । चर्चाओं के अनुसार , टैंक्स और बख्तरबंद वाहनों को एक दिन के अंदर ही वापस ले जाना था । कोर कमांडर स्तर की यह वार्ता 6 नवंबर को हुई थी , जिसमें विदेश मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी नवीन श्रीवास्तव और ब्रिगेडियर घई भी शामिल रहे थे । पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर होने वाले दूसरे स्टेप में , दोनों सेनाओं को तीन दिनों तक रोजाना अपने 30 फीसदी सैनिकों को वापस बुलाना होगा । भारतीय पक्ष धन सिंह थापा पोस्ट के करीब आएगा , जबकि चीन फिंगर 8 के पूर्वी दिशा की ओर वापस जाएगा ।

तीसरे और आखिरी स्टेप में क्या करेंगी दोनों सेनाएं ?

तीसरे और और आखिरी स्टेप में , दोनों देशों की सेनाओं को पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे व फ्रंटलाइन से वापस जाना होगा । इसमें चुशूल के नजदीक की सीमा और रेजांग ला इलाका भी शामिल है । बातचीत के दौरान , दोनों देशों में यह भी तय हुआ है कि वे डिस – एंगेजमेंट प्रक्रिया पर नजर भी रखेंगी । इसके तहत , वे बैठकों के अलावा अनमैंड एरियल व्हीकल्स ( यूएवी ) का इस्तेमाल करेंगी । सावधानी से आगे बढ़ रहा भारत

भारतीय सेना चीन के हर कदम को सावधानी से देख रही है । इस साल जून में गलवान घाटी में हुए हिंसक टकराव के बाद भारतीय पक्ष में चीन के साथ विश्वास में काफी कमी आई है । इस टकराव में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे , जबकि चीन के भी कई सैनिकों की मौत हुई थी । इसके बाद से ही भारत और चीन लगातार एक – दूसरे से बातचीत कर रहे हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे विश्वसनीय टीम चीन के साथ बातचीत में लगी हुई है । एनएसए अजीत डोभाल , सीडीएस जनरल बिपिन रावत , आर्मी चीफ जनरल मुकुंद नरवणे , एयर चीफ आरकेएस भदौरिया ने कई अहम कदम उठाए हैं ।

फिर धोखा दे सकता है चीन , भारत चौकन्ना
हालांकि , भारत बड़ा फूंक – फूंक कर कदम रख रहा है क्योंकि चीन ने ऐसे पीछे हटने की बात पर राजी होकर ही गलवान में धोखा दिया था . बता दें कि भारतीय और चीन की सेना के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा ( एलएसी ) पर भारतीय हिस्से में स्थित चुशुल में शुक्रवार को आठवें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता हुई थी . यह वार्ता करीब 11 घंटे चली थी . वार्ता में दोनों देशों की सेनाओं ने जल्द ही पुन : मुलाकात करने पर सहमति जताई थी .

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