फ्रांसीसी फाइटर जेट राफेल विमानों को गुरुवार को सर्वधर्म पूजा के साथ भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। इस पूजन के साथ ये विमान भारत के लिए आसमानी ताकत बन गए हैं। पूजन के बाद भारत के लड़ाकू विमानों ने राफेल के साथ फ्लाई पास्ट करके आसमान में भारत की ताकत दिखाई। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल का इंडक्शन पूरी दुनिया के लिए, ही नहीं बल्कि भारत की संप्रभुता पर आंख उठाने वालों के लिए कड़ा खास कर उन देशों के लिए एक कड़ा संदेश है, जो भारत की संप्रभुता की ओर आंख उठाकर देख रहे हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में राफेल की उपस्थिति भारत-फ्रांस की वर्षों पुरानी डिफेंस पार्टनरशिप की मजबूती को दर्शाती है। एयरफोर्स में राफेल का शामिल होना एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है। मजबूत लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था और संपूर्ण विश्व में शांति बनाये रखने की हमारी कामना है। आज दुनिया में सुरक्षा के साथ-साथ इक्नॉमिक और जियो स्ट्रेटेजिक मुद्दे नए-नए रूप में हमारे सामने आ रहे हैं। इनका लगातार सामना करते हुए भारत और फ्रांस एक स्थाई सक्रिय और फ्यूचर ओरियंटेड संबंध बनाने में कामयाब रहे हैं।
रक्षामंत्री ने आगे कहा कि भारत और फ्रांस ने न केवल एक दूसरे की जरूरतों को समझा है, बल्कि एक दूसरे के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं। भारत की स्वाधीनता के बाद दोनों देशों के बीच वाइब्रेंट डिफेंस कोऑपरेशन विकसित हुआ है। आपसी रक्षा सहयोग से हमारी एयरफोर्स ने फ्रेंच फाइटर एयक्राफ्ट को न केवल बेड़े में शामिल किया है, बल्कि अनेक मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। 1965 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ हमारी विजय इस बात की गवाह है। एक बार फिर भारतीय वायुसेना ने 1999 में कारगिल में भी यह इतिहास दोहराया है। यह राफेल डील, नेशनल सिक्योरिटी में एक गेम चेंजर है।
उन्होंने आगे कहा कि आज राफेल का इंडक्शन पूरी दुनिया, खास कर हमारी संप्रभुता की ओर आंख उठाने वालों के लिए एक बड़ा और कड़ा संदेश है। हमारी सीमाओं पर हाल के दिनों में जिस तरह का माहौल बना है, या फिर ये कहें कि बनाया गया है, उनके लिहाज से इंडक्शन अहम है। यह अपनी सीमाई सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को बनाये रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है। बदलते समय के साथ हमें स्वयं के लिए भी तैयार रहना होगा। हमारी जिम्मेदारियां केवल हमारी क्षेत्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि हम इंडो-पैसिफिक रीजन और इंडिया ओशियन रीजन में भी लगातार जिम्मेदार देश के रूप में परस्पर सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आसमान में दिखी भारत की ताकत
इस मौके पर भारत के लड़ाकू विमानों ने राफेल के साथ फ्लाई पास्ट करके आसमान में भारत की ताकत दिखाई। सबसे पहले ताकतवर सुखोई विमान ने आसमान में गर्जना करके फ्लाई पास्ट की शुरुआत की। इसके बाद जगुआर, राफेल लड़ाकू विमान, स्वदेशी तेजस एयरक्राफ्ट और सारंग एयरोबेटिक टीम ने आसमान में उड़ान भरकर शानदार एयर डिस्पले किया।
अंबाला एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमान को औपचारिक तौर पर वायुसेना में शामिल करने से पहले सर्वधर्म पूजा हुई, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने भी शिरकत की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायु सेना की टीम के साथ फ्रांस जाकर पहला राफेल विमान 8 अक्टूबर, 2019 को हासिल किया था। 29 जुलाई को फ्रांस से भारत आए पांच राफेल लड़ाकू विमानों को पारंपरिक वाटर कैनन सैल्यूट दिया गया और इसी के साथ यह फाइटर जेट वायुसेना की गौरवशाली टीम का हिस्सा बन गए। यानी अब भारतीय वायुसेना के सबसे बेहतरीन फाइटर जेट किसी भी मोर्चे पर तैनात होने के लिए तैयार हैं। एयर डिस्पले के दौरान अम्बाला एयर बेस में वन्दे मातरम् और मां तुझे सलाम के गीतों ने किसी राष्ट्रीय पर्व जैसा माहौल बना दिया।
स्वदेशी तेजस का प्रदर्शन
स्वदेशी विमान तेजस एयरक्राफ्ट ने आसमान में करतब दिखाने के साथ ही अपनी मारक क्षमता का भी प्रदर्शन किया। गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस पर अपनी कला का प्रदर्शन करने वाली सारंग एयरोबेटिक टीम ने आज यहां अम्बाला एयरबेस का आसमान भी अपने करतब दिखाकर रंगीन कर दिया। डेढ़ साल तक फ्रांस में ट्रेनिंग लेने के बाद फ्रांस से उड़ाकर भारत लाने वाले भारतीय वायुसेना के पायलटों को भी सेल्यूट किया गया। इसके बाद पांचों राफेल ने आसमान में अपने बाहुबल का प्रदर्शन करके हर भारतीय को गर्व से भर दिया। कार्यक्रम के आखिर में जब चील से भी खतरनाक राफेल आसमान में पहुंचे तो अपने-अपने घरों में टीवी पर कार्यक्रम देख रहे हर भारतीय का सीना इसलिए गर्व से ऊंचा हो गया कि अब दुनिया का सबसे बेहतरीन ये लड़ाकू विमान भारत की सेना का हिस्सा हैं।
दिल्ली पहुंचने पर फ्रांस की सशस्त्र सेनाओं की मंत्री फ्लोरेंस पार्ली को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। समारोह में रक्षा स्टाफ के प्रमुख जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, डीआरडीओ के सचिव और अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी के साथ रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बल के वरिष्ठ अधिकारी भी भारतीय वायुसेना के इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने। इसके अलावा कार्यक्रम में भारत में फ्रांस के राजदूत इमैन्युअल लेनैन, एयर जनरल एरिक एटुलेट, फ्रांस के वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। फ्रांसीसी रक्षा उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी कार्यक्रम में शामिल हुआ, जिसमें राफेल जेट बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी एरिक ट्रैपियर अध्यक्ष और एमबीआरए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक बेरांगर प्रमुख हैं।
