दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की की धमकी देने और प्रताड़ित करने के आरोप का सामना कर रहे ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर 8 दिसंबर तक की रोक लगा दी है। मोहम्मद जुबैर के खिलाफ आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है, जिसे रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जुबैर की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है।
फैक्ट चेकिंग वेबसाइट AltNews के मोहम्मद जुबैर के ट्विटर हैंडल @zoo_bear के अलावा दो अन्य ट्विटर हैंडल @de_real_mask और @syedsarwar20 के भी नाम एफआईआर में हैं।
जस्टिस योगेश खन्ना ने दिल्ली पुलिस को जुबैर को एफआईआर की कॉपी मुहैया कराने और केस की स्टेट रिपोर्ट फाइल करने का निर्देश भी दिया। उनके खिलाफ मामला नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR)की शिकायत पर दर्ज किया गया था।
जुबैर ने ट्विटर पर एक शख्स के साथ बहस के दौरान 6 अगस्त को उनकी नाबालिग पोती के साथ उनकी तस्वीर डाली थी और लिखा था, “क्या आपकी प्यारी-सी पोती को आपके पार्ट टाइम नौकरी के बारे में पता है कि आप सोशल मीडिया पर लोगों को गाली देते हैं? मेरी सलाह है कि आप अपनी प्रोफाइल फोटो बदल लें।” जुबैर ने नाबालिग लड़की का चेहरा तो ब्लर कर दिया था, लेकिन दादा के साथ फोटो होने की वजह से बच्ची की पहचान उजागर हो गई थी और कुछ लोगों ने बच्ची के बारे में भी भद्दी बातें लिखीं।
जुबैर पर इसी ट्वीट को लेकर केस दर्ज किया गया कि उनकी वजह से नाबालिग को ट्विटर पर धमकी दी गई और प्रताड़ित किया गया। एफआईआर में बताया गया है कि ऑनलाइन बहस के दौरान जुबैर की पोस्ट पर दो अन्य लोगों ने कॉमेंट किया था, जिनमें से एक ने कॉमेंट बाद में डिलीट कर दिया और दूसरे के बारे में अभी तक पता नहीं चल सका है। NCPR ने कहा कि CPCR एक्ट 2005 के सेक्शन 13 (1) और (K) के तहत शिकायत मिलने के बाद उसने मामले का संज्ञान लिया।
जुबैर के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि गैर-गंभीर प्रकृति की शिकायत पर NCPCR ने निर्देश दिया और उनके मुवक्किल के खिलाफ रायपुर में आईटी एक्ट के सेक्शन 509 और पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 12 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट को बताया कि मेरे पास कोई निर्देश नहीं है फिर भी विभाग को एफआईआर की कॉपी शेयर करने में कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर इस तरह के अपराध में एफआईआर ऑनलाइन अपलोड कर दी जाती है।
राहुल ने कहा कि मामले की जांच पुलिस कर रही है और ट्वीट के जरिए आपत्तिजनक बातें लिखने वाले तीसरे शख्स की पहचान के बारे में ट्विटर से जानकारी मांगी गई है। इसके बाद हाईकोर्ट ने ट्विटर को भी निर्देश दिया कि वह पुलिस को जल्दी जानकारी मुहैया कराए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी।
सोर्स – लाइव एच
