केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण का मामला समाप्त हो चुका है , लेकिन ब्रिटेन में इस मामले में कुछ गोपनीय कार्यवाही चल रही है , जिसकी जानकारी भारत को भी नहीं दी गई है . केंद्र ने कहा कि भारत को माल्या के प्रत्यर्पण में देरी की जा रही है . सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को माल्या के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने यह बात कही .
केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का उस समय तक भारत प्रत्यर्पण नहीं हो सकता , जब तक ब्रिटेन में चल रही एक अलग ‘ गोपनीय कानूनी प्रक्रिया ‘ का समाधान नहीं हो जाता । केन्द्र ने कहा कि उसे ब्रिटेन में विजय माल्या के खिलाफ चल रही इस गोपनीय कार्यवाही की जानकारी नहीं है । गृह मंत्रालय ने अवमानना मामले में दायर हलफनामे में कहा है कि यह कानूनी मुद्दा ‘ प्रत्यर्पण प्रक्रिया ‘ से इतर है और यह ‘ गोपनीय ‘ है और इसका खुलासा नहीं किया जा सकता । अवमानना मामले में न्यायालय माल्या को पहले ही दोषी ठहरा चुका है ।
बता दें कि विजय माल्या पर अब बंद हो चुकी किंग्सफिशर एयरलाइंस से संबंधित नौ हजार करोड़ रुपए से अधिक का बैंक कर्ज अदा नहीं करने का आरोप है । माल्या मई 2016 से ब्रिटेन में है और वह स्काटलैंड यार्ड द्वारा 18 अप्रैल , 2017 को प्रत्यर्पण वारंट की तामील के बाद से जमानत पर है । न्यायमूर्ति उदय यू ललित और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस मामले पर सुनवाई की और माल्या के वकील से कहा कि वह दो नवंबर तक उसे इस बात से अवगत करायें कि उसे प्रत्यर्पित करने के लिये किस तरह की’ गोपनीय कार्यवाही ‘ चल रही है । वहीं , माल्या के वकील अंकुर सैगल ने न्यायालय ने कहा कि चूंकि भारत सरकार का कहना है कि उसे कार्यवाही के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो उसे न्यायालय को इस बारे में जानकारी देनी होगी और बताना होगा कि वह न्यायलय के समक्ष कब पेश होगा ।
5 अक्टूबर कोर्ट में माल्या को होना था
पेश शीर्ष अदालत ने माल्या के वकील से दो नवंबर तक इन सवालों के जवाब देने को कहा है . सहगल ने कहा कि वह अपने मुवक्किल से निर्देश लेंगे . 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के फैसले की समीक्षा की मांग वाली माल्या की याचिका को खारिज कर दिया था , जिसने उन्हें अदालत की अवमानना के लिए दोषी ठहराया था . शीर्ष अदालत ने पांच अक्टूबर को अदालत के समक्ष माल्या को उपस्थित होने का निर्देश दिया था .
