प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में व्हाइट गुड्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीएलआई स्कीम को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत अब एयर कंडिशनर और एलईडी लाइट्स के साथ हाई आवृति वाले सोलर पीवी मॉड्यूल्स को मैन्युफैक्चर करने के लिए इंसेंटिव मिलेगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और पीयूष गोयल ने प्रेस वार्ता में कैबिनेट के इन अहम फैसलों के बारे में जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया, “PLI के तहत आज 2 स्कीम को मंजूरी मिली है, पहले 4 स्कीम को मंजूरी दी जा चुकी है, कुल मिलाकर अभी तक 9 स्कीम को मंजूरी मिल चुकी है, शेष बची 4 स्कीमों को भी जल्द मंजूरी दे दी जाएगी।”
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एसी और एलईडी उपकरणों के निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मिलेगी मदद
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि कैबिनेट ने एसी और एलईडी उपकरणों के उत्पादन के लिए कुल 6238 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम को मंजूरी दी है। 5 वर्षों में वितरित की जाने वाली इस राशि पर 5-6 फीसदी इंसेंटिव मिलेगा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर उपकरण एमएसएमई बनाते हैं, ऐसे में एमएसएमई क्षेत्र को फायदा होगा और बड़े स्तर पर भारत में रोजगार सृजित होंगे। साथ ही साथ इस योजना से भारत को एसी और एलईडी उपकरणों के निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। यह पीएलआई स्कीम भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को काफी आगे लेकर जाएगी।
आत्मनिर्भर भारत के लिये पीएलआई स्कीम केंद्रीय बिंदु
उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत के लिए पीएलआई योजना एक केंद्रीय बिंदु है। ग्लोबल सप्लाई चेन में अपना योगदान देने के लिए भारत ने 13 सेक्टर चुनें हैं। इतना बड़ा प्रोजेक्ट भारत के इतिहास में पहली बार लाया गया है। इससे कम से कम 1 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से काम करने के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा भारत के मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को भी बड़ा उछाल मिलेगा।
ज्ञात हो कि भारत ने पिछले 5 वर्षों में 2 ट्रिलियन डॉलर या 1.5 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में किया है। इन 13 सेक्टरों में पीएलआई स्कीम 35 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लाई गई है।
क्या है PLI स्कीम?
विदेशी कंपनियों को भारत में सामान बनाने के लिए आकर्षित करने के लिए सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की शुरुआत की है। इसके तहत केंद्र सरकार अगले 5 सालों में भारत में सामान बनाने वाली कंपनियों को 1.46 लाख करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि देगी। इस स्कीम के तहत 13 सेक्टर में 2 लाख करोड़ के निवेश और 1 करोड़ लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इस स्कीम का लाभ भारत के उभरते हुए सेक्टर- खाद्य प्रसंस्करण, उन्नत रसायन विज्ञान, ऑटोमोबाइल, नेटवर्किंग उत्पाद, टेलिकॉम, फार्मा और सोलर पीवी निर्माण आदि ले सकते हैं।
