पूरा देश आज स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर पर लगातार 8वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि स्थल राजघाट पर पुष्प अर्पित कर नमन किया और वहां से लालकिला पहुंचे।
लालकिले की प्राचीर से देश को किया संबोधित
प्रधानमंत्री ने तिरंगा फहराया और देश को संबोधित करते हुए कोरोना महामारी में बचाव कार्यों में जुटे चिकित्सक, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी के कार्यों की सराहना की। इस संबंध में उन्होंने कहा कि वैक्सीन बनाने में जुटे वैज्ञानिक हों या लोगों की सेवा में जुटे सामान्य नागरिक, सभी वंदन के अधिकारी हैं।
देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरूजी हों, देश को एकजुट राष्ट्र के रूप में बदलने वाले सरदार पटेल हों या भारत को भविष्य का रास्ता दिखाने वाले बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, इन सभी व्यक्तित्व को देश याद कर रहा है और देश इन सबका ऋणी है।
बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को करता है छलनी
पीएम मोदी ने कहा, हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है। अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।
कोरोना का यह कालखंड की चुनौती के बाद भी प्रगति पथ पर बढ़ रहा हमारा देश
प्रगति पथ पर बढ़ रहे हमारे देश के सामने, पूरी मानवजाति के सामने कोरोना का यह कालखंड बड़ी चुनौती के रूप में आया है। भारतवासियों ने संयम और धैर्य के साथ इस लड़ाई को लड़ा है। हर देश की विकासयात्रा में एक समय ऐसा आता है, जब वो देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है, खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है। भारत की विकास यात्रा में भी आज वो समय आ गया है।
अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल
यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल है। इस अमृतकाल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी।
संकल्प तब तक अधूरा होता है, जब तक संकल्प के साथ परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा न हो। इसलिए हमें हमारे सभी संकल्पों को परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा करके सिद्ध करके ही रहना है।
सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण
प्रधानमंत्री ने कहा, सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास, इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुटे हुए हैं। आज लाल किले से मैं आह्वान कर रहा हूं- सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अब हमें सैचुरेशन की तरफ जाना है। शत प्रतिशत गांवों में सड़कें हों, शत प्रतिशत परिवारों के पास बैंक अकाउंट हो, शत प्रतिशत लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत का कार्ड हो, शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों के पास उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन हो।
भारत के सामर्थ्य का सही इस्तेमाल, पूरा इस्तेमाल जरूरी
आगे जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, उसे फोर्टिफाई करेगी, गरीबों को पोषणयुक्त चावल देगी। राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मिड डे मील में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएगा। 21वीं सदी में भारत को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही इस्तेमाल, पूरा इस्तेमाल जरूरी है। इसके लिए जो वर्ग पीछे है, जो क्षेत्र पीछे है, हमें उनकी हैंड-होल्डिंग करनी ही होगी।
भविष्य में भारत के विकास का बड़ा आधार बनेंगे देश के ये इलाके
पीएम मोदी ने कहा, हमारा पूर्वी भारत, नॉर्थ ईस्ट, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सहित पूरा हिमालय का क्षेत्र हो, हमारी कोस्टल बेल्ट या फिर आदिवासी अंचल हो, ये भविष्य में भारत के विकास का बड़ा आधार बनेंगे। आज नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी का नया इतिहास लिखा जा रहा है। ये कनेक्टिविटी दिलों की भी है और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी है। बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों की राजधानियों को रेलसेवा से जोड़ने का काम पूरा होने वाला है।
सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना, यही लोकतंत्र की असली भावना
उन्होंने यह भी कहा कि सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना ही लोकतंत्र की असली भावना है। जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब जमीन पर दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है। लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है। एक तरफ लद्दाख, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रही है।
अब भारत के गांव में भी डिजिटल Entrepreneur हो रहे तैयार
प्रधानमंत्री ने कहा, देश के जिन जिलों के लिए ये माना गया था कि ये पीछे रह गए, हमने उनकी आकांक्षाओं को भी जगाया है। देश मे 110 से अधिक आकांक्षी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क, रोजगार से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इनमें से अनेक जिले आदिवासी अंचल में हैं। आज हम अपने गांवों को तेजी से परिवर्तित होते देख रहे हैं। बीते कुछ वर्ष, गांवों तक सड़क और बिजली जैसी सुविधाओं को पहुंचाने के रहे हैं। अब गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, डेटा की ताकत पहुंच रही है, इंटरनेट पहुंच रहा है। गांव में भी डिजिटल Entrepreneur तैयार हो रहे हैं।
गांव में सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी 8 करोड़ से अधिक बहनें
गांव में जो हमारी सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी 8 करोड़ से अधिक बहनें हैं, वो एक से बढ़कर एक प्रॉडक्ट्स बनाती हैं। इनके प्रॉडक्ट्स को देश में और विदेश में बड़ा बाजार मिले, इसके लिए अब सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तैयार करेगी। छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।
देश में बनी नीतियां अब छोटे किसानों पर केंद्रित
देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। पहले जो देश में नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वो रह गया। अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं।
75 सप्ताह में 75 वंदेभारत ट्रेनें देश के हर कोने को जोड़ेंगी
हमें मिलकर काम करना होगा, Next Generation Infrastructure के लिए। हमें मिलकर काम करना होगा, World Class Manufacturing के लिए। हमें मिलकर काम करना होगा Cutting Edge Innovation के लिए। हमें मिलकर काम करना होगा New Age Technology के लिए। देश ने संकल्प लिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में 75 वंदेभारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ रही होंगी। आज जिस गति से देश में नए Airports का निर्माण हो रहा है, उड़ान योजना दूर-दराज के इलाकों को जोड़ रही है, वो भी अभूतपूर्व है।
विकास पथ पर भारत को अपनी मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट बढ़ाना होगा
भारत को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में होलिस्टिक अप्रोच अपनाने की भी जरूरत है। भारत आने वाले कुछ ही समय में प्रधानमंत्री गतिशक्ति- नेशनल मास्टर प्लान को लॉन्च करने जा रहा है। विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए भारत को अपनी मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट, दोनों को बढ़ाना होगा। आपने देखा है, अभी कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को समुद्र में ट्रायल के लिए उतारा है। भारत आज अपना लड़ाकू विमान बना रहा है, सबमरीन बना रहा है, गगनयान भी बना रहा है।
कोरोना काल में ही हजारों नए स्टार्ट-अप्स बने
देश के सभी मैन्यूफैक्चर्स को भी ये समझना होगा कि आप जो Product बाहर भेजते हैं वो आपकी कंपनी में बनाया हुआ सिर्फ एक Product नहीं होता। उसके साथ भारत की पहचान जुड़ी होती है, प्रतिष्ठा जुड़ी होती है, भारत के कोटि-कोटि लोगों का विश्वास जुड़ा होता है। मैं इसलिए मनुफक्चरर्स को कहता हूं -आपका हर एक प्रॉडक्ट भारत का ब्रैंड एंबेसेडर है। जब तक वो प्रॉडक्ट इस्तेमाल में लाया जाता रहेगा, उसे खरीदने वाला कहेगा – हां ये मेड इन इंडिया है। हमने देखा है, कोरोना काल में ही हजारों नए स्टार्ट-अप्स बने हैं, सफलता से काम कर रहे हैं। कल के स्टार्ट-अप्स, आज के Unicorn बन रहे हैं। इनकी मार्केट वैल्यू हजारों करोड़ रुपए तक पहुंच रही है।
रिफॉर्म्स को लागू करने के लिए Good और Smart Governance चाहिए
Reforms को लागू करने के लिए Good और Smart Governance चाहिए। आज दुनिया इस बात की भी साक्षी है कि कैसे भारत अपने यहां गवर्नेंस का नया अध्याय लिख रहा है। मैं आज आह्वान कर रहा हूं, केंद्र हो या राज्य सभी के विभागों से, सभी सरकारी कार्यालयों से। अपने यहां नियमों-प्रक्रियाओं की समीक्षा का अभियान चलाइए। हर वो नियम, हर वो प्रक्रिया जो देश के लोगों के सामने बाधा बनकर, बोझ बनकर, खड़ी हुई है, उसे हमें दूर करना ही होगा।
21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने वाली नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’
प्रधानमंत्री बोले, आज देश के पास 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने वाली नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ भी है। जब गरीब के बेटी, गरीब का बेटा मातृभाषा में पढ़कर प्रोफेशनल्स बनेंगे तो उनके सामर्थ्य के साथ न्याय होगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को गरीबी के खिलाफ लड़ाई का मैं साधन मानता हूं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की एक और विशेष बात है। इसमें स्पोर्ट्स को Extracurricular की जगह मेनस्ट्रीम पढ़ाई का हिस्सा बनाया गया है। जीवन को आगे बढ़ाने में जो भी प्रभावी माध्यम हैं, उनमें एक स्पोर्ट्स भी है। ये देश के लिए गौरव की बात है कि शिक्षा हो या खेल, बोर्ड्स के नतीजे हों या ओलपिंक का मेडल, हमारी बेटियां आज अभूतपूर्व प्रदर्शन कर रही हैं। आज भारत की बेटियां अपना स्पेस लेने के लिए आतुर हैं।
देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, आज मैं एक खुशी देशवासियों से साझा कर रहा हूं। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वो भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले जाएं। दो-ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में पहली बार बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया गया था। अब सरकार ने तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत के लिए Energy Independent होना अनिवार्य
पीएम मोदी ने कहा, भारत की प्रगति के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए भारत का Energy Independent होना अनिवार्य है। इसलिए आज भारत को ये संकल्प लेना होगा कि हम आजादी के 100 साल होने से पहले भारत को Energy Independent बनाएंगे। भारत आज जो भी कार्य कर रहा है, उसमें सबसे बड़ा लक्ष्य है, जो भारत को क्वांटम जंप देने वाला है- वो है ग्रीन हाइड्रोजन का क्षेत्र। मैं आज तिरंगे की साक्षी में National Hydrogen Mission की घोषणा कर रहा हूं। 21वीं सदी का आज का भारत, बड़े लक्ष्य गढ़ने और उन्हें प्राप्त करने का सामर्थ्य रखता है। आज भारत उन विषयों को भी हल कर रहा है, जिनके सुलझने का दशकों से, सदियों से इंतजार था।
Article 370 को बदलने का ऐतिहासिक फैसला हो, देश को टैक्स के जाल से मुक्ति दिलाने वाली व्यवस्था- GST हो, हमारे फौजी साथियों के लिए वन रैंक वन पेंशन हो, या फिर रामजन्मभूमि केस का शांतिपूर्ण समाधान, ये सब हमने बीते कुछ वर्षों में सच होते देखा है। त्रिपुरा में दशकों बाद ब्रू रियांग समझौता होना हो, ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देना हो, या फिर जम्मू-कश्मीर में आजादी के बाद पहली बार हुए BDC और DDC चुनाव, भारत अपनी संकल्पशक्ति लगातार सिद्ध कर रहा है।
आज दुनिया, भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है
प्रधानमंत्री ने कहा, आज दुनिया, भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद। भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़े हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है। आज देश के महान विचारक श्री ऑरबिंदो की जन्मजयंती भी है। साल 2022 में उनकी 150वां जन्मजयंती है। वो कहते थे कि- हमें उतना सामर्थ्यवान बनना होगा, जितना हम पहले कभी नहीं थे। हमें अपनी आदतें बदली होंगी, एक नए हृदय के साथ अपने को फिर से जागृत करना होगा।
टोक्यो ओलंपिक में शामिल हुए खिलाड़ियों ने भी लिया हिस्सा
इस मौके पर टोक्यो ओलंपिक में शामिल हुए खिलाड़ियों ने भी हिस्सा लिया। इन खिलाड़ियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की और इनका उत्साहवर्धन भी किया।
