गर्मी की शुरुआत होते हैं देश के कई हिस्सों में बिजली की समस्या उत्पन्न होना शुरू हो गया है इसी में पंजाब में गर्मी की शुरुआत के दिनों में ही बिजली के संकट की समस्या सामने आने लगी है ।इस बार पिछले साल की तुलना में 7 हजार मेगावाट के मुकाबले खपत बढ़कर 8 मेगावाट क्रास हो रही है।
प्रदेश में अभी शुरुआती दिनों में लोग एसी,कुलरो की उतना प्रयोग नहीं कर रहे हैं , लेकिन जैसे जैसे गर्मी अपना प्रकोप दिखाएंगी बिजली की मांगों में तेजी के साथ बढ़ोतरी होगी।इस समय प्रदेश में तीन निजी थर्मल पॉवर प्लांट में कोयलें का संकट सामने आने लगी है। जिसमें गोइंदवाल साहिब, राजपुरा और तलवंडी साबो थर्मल पॉवर प्लांट शामिल हैं।
कट लगने शुरू
तेजी के साथ बढ़ते बिजली के मांगों को देखते और कोयलें की संकट से निपटने के लिए बिजली कटौती शुरू हो गई है । गुरुवार को तलवंडी साबो थर्मल पावर प्लांट की एक यूनिट बंद करना पड़ा था। जिससे बचने के लिए राज्य में कटौती शुरू कर दिया गया है। हालांकि लेहरा मुहब्बत और रोपड़ थर्मल पावर प्लांट में स्थिति कुछ सामान्य है। यहां करीब 18 से 22 दिन का कोयला बचा हुआ है ।
नए सीएम के सामने बिजली की चुनौती
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के सामने बिजली की समस्या से निपटने की सबसे बड़ी चुनौती होगी । क्योंकि पिछले साल ही सितंबर_ अक्टूबर में ब्लैक आउट जैसे समस्याओं से जूझना पड़ा था। जिसमें भीषण गर्मी के बीच भारी बिजली की कटौती की गई थी।
तैयारी पूरी
बिजली के संकट से निपटने के लिए पावरकाम ने तैयारियां शुरू कर दी है । अधिकारियों के अनुसार 15000 से अधिक मेगावाट बिजली का प्रबंध किया गया है । जबकि पिछले साल मांग14000 मेगावाट के करीब था ।इस बार किसी तरह के संकट ना हो इस लिए हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु , तेलंगाना और मेघालय से 2000 से 2500 मेगावाट बिजली खरीदी गई है ,जो इस साल जून से सितम्बर तक मिलेगी
