आज मानवाधिकार दिवस है । यह दिन मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के उपलक्ष्य में हर वर्ष 10 दिसंबर को मनाया जाता है । संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में इस घोषणा को विश्व में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए मानक उपाय के रूप में स्वीकार किया था । इसके तहत मानव गरिमा , समानता तथा अपरिहार्य अधिकारों को , विश्व में न्याय , स्वतंत्रता और शांति की बुनियाद के रूप में स्वीकार किया गया है । इस वर्ष मानवाधिकार दिवस का विषय कोविड -19 महामारी से संबंधित है जिसमें मानवाधिकारों को सुनिश्चित कर संक्रमण से बेहतर तरीके से उबरने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है ।
इस अवसर पर भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने वर्चुअल माध्यम से एक समारोह का आयोजन किया । इसमें गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार ने महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए हैं । उन्होंने कहा कि प्रत्येक गरीब परिवार को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई है । लड़के – लड़की में भेदभाव समाप्त करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया गया है । श्री राय ने बताया कि सरकार ने कोविड महामारी के दौरान गरीबों की सहायता करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की ।
आयोग ने 12 अक्तूबर 1993 में अपनी स्थापना के बाद इस वर्ष छह दिसंबर तक मानवाधिकार उल्लंघन के 19 लाख 50 हजार मामले दर्ज किए हैं और 19 लाख 32 हजार मामले निपटाए हैं । आयोग की सिफारिश पर विभिन्न राज्य एजेंसियों ने सात हजार से अधिक मामलों में पीड़ितों को 188 करोड़ रुपए की राहत राशि दिलाई है ।
