प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में संसद मार्ग पर नए संसद भवन की आधारशिला रखी । विभिन्न धर्मगुरुओं ने सर्वधर्म प्रार्थना की । इस अवसर पर मोदी ने कहा कि नया संसद भवन , एक ऐसा स्थान होगा जो 21 वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी करेगा । उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का साक्षी होगा । प्रधानमंत्री ने आधारशिला रखे जाने के अवसर को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील का पत्थर बताया ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे उस क्षण को कभी नहीं भूल पाएंगे जब उन्होंने 2014 में पहली बार संसद भवन में प्रवेश करते हुए इसके द्वार पर सम्मान से सर झुकाया था । उन्होंने कहा कि नया भवन सांसदों की कुशलता बढ़ाएगा क्योंकि यह आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा । मोदी ने कहा कि भारत का लोकतंत्र शताब्दियों के अनुभव से विकसित हुआ है ।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा भवन में ढांचागत विस्तार की और गुंजाइश नहीं थी , यही कारण है कि नए संसद भवन का निर्माण करना आवश्यक हो गया था । उन्होंने कहा कि इससे आने वाले वर्षों में संवैधानिक कर्तव्यों को सफलतापूर्वक निभाने में सहायता मिलेगी । इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला , राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह , गृहमंत्री अमित शाह , रक्षामंत्री राजनाथ सिंह , संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी , आवासन तथा शहरी मामलों की मंत्री हरदीप सिंह पुरी सहित कई केंद्रीय मंत्री और सांसद उपस्थित थे।
यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना का हिस्सा है । स्वतंत्रता के बाद संसद भवन का निर्माण एक ऐतिहासिक अवसर है । नया संसद भवन दो हजार बाइस में देश की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ में नये भारत की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप होगा । नये भवन के निर्माण पर नौ सौ 71 करोड़ रुपए की लागत आएगी । इसमें पुरानी संसद के मुकाबले अधिक समिति कक्ष और राजनीतिक दलों के कार्यालय होंगे । इस भवन के निर्माण का प्रस्ताव पिछले साल पांच अगस्त को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही के दौरान रखा था ।
नया भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस और ऊर्जा की कम खपत वाला होगा । मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की इस इमारत में सुरक्षा की प्रभावी व्यवस्था होगी । नया लोकसभा परिसर , मौजूदा परिसर से तीन गुना बड़ा होगा और राज्यसभा का आकार भी पहले के मुकाबले बड़ा होगा । नए भवन की सज्जा भारतीय संस्कृति और क्षेत्रीय कला , शिल्प तथा वास्तुकला के विविध रूपों के अनुरूप होगी । नए संसद भवन के निर्माण में हरित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा और यह पर्यावरण के अनुकूल होगा । इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और आर्थिक पुनरूद्धार के द्वार खुलेंगे । इसमें उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि तथा दृश्य श्रव्य सुविधाएं , बैठने की आरामदायक और आपातकालीन निकासी का भी प्रबंध होगा । व्यवस्था
