शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को विद्यार्थियों और शोधार्थियों को उचित समय पर छात्रवृत्ति और फैलोशिप का भुगतान सुनिश्चित करने और इसके लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू करने का निर्देश दिया है । शिक्षा मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए आयोजित उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों की सभी शिकायतों का तत्काल समाधान करने को भी कहा है ।
तकनीकी शिक्षा , खासतौर पर इंजीनियरी पाठ्यक्रमों की शिक्षा मातृभाषा में शुरू करने का एक महत्वपूर्ण फैसला भी बैठक में लिया गया , जिसे अगले अकादमिक सत्र से प्रारंभ किया जाएगा । इसके लिए कुछ आईआईटी और एनआईटी को चुना गया है ।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मंत्रालय के सभी अधिकारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर उचित अमल सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों का चहुंमुखी विकास करना और देश की शिक्षा प्रणाली में आमूल परिवर्तन लाना है ।
यह भी फैसला किया गया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्डों का आकलन करने के बाद प्रतियोगिता के लिए पाठ्यक्रम का निर्धारण करेगी । अगले वर्ष की परीक्षाएं कैसे और कब कराई जायें , इस बारे में शिक्षा मंत्रालय विद्यार्थियों , उनके माता – पिता और शिक्षकों की राय लेने के लिए एक अभियान चलायेगा ।
