भारत ने एक बार फिर दुनिया के सामने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को उजागर किया है । इस बार नगरोटा मुठभेड़ पाकिस्तान की पोल खुलने का जरिया बनी है । सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक , भारतीय विदेश मंत्रालय ने 19 नवंबर को जम्मू – कश्मीर के नगरोटा में हुए एनकाउंटर के बारे में सोमवार को संयुक्त राज्य अमेरिका , फ्रांस , रूस और जापान के राजदूतों को जानकारी दी है ।
विदेश मंत्रालय ने इन देशों के राजदूतों को बताया है कि जम्मू – कश्मीर में स्थिति को अस्थिर करने , स्थानीय चुनाव और लोकतंत्र को खत्म करने के लिए पाकिस्तान निरंत प्रयास कर रहा है । मंत्रालय ने कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा एक सुनियोजित आतंकवादी हमले को अंजाम देन की योजना थी , जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया । विदेश मंत्रालय ने बताया है कि जम्मू – कश्मीर के सांब सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रविवार को सीमा सुरक्ष बल और जम्मू – कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 150 मीटर लंबी भूमिगत सुरंग मिली है । इस सुरंग का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के लिए किया जाता था । यह सुरंग अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 160 मीटर की दूरी पर मिली है । बता दें कि जांच एजेंसियों को पुख्ता सबूत मिल हैं कि जैश के इन आतंकियों को पाकिस्तान से ट्रेनिंग देकर भेजा गया था और वहीं से उन्हें निर्देश भी दिए जा रहे थे । जांच एजेसी को आतंकियों के पास से पाकिमान की एक कंपनी का डिजिटल मोबाइल रेडियो बरामद हुए है ।
भारत का विचार अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सूचनाओं को यथासंभव साझा करना है । मिशन के प्रमुखों को इस घटना का विवरण देते हुए एक विस्तृत सूचना डॉक के साथ प्रदान की गई । इसमें आतंकियों से बरामद किए गए हथियार और उपकरणों की भी सूची थी । यह स्पष्ट रूप से जैश आतंकियो के पाकिस्तानी मूल का संकेत दे रहे थे । विदेशी राजनयिकों को इस बात की भी जानकारी दी गई कि आतंकवादी भारत में कैसे आए । सांबा सेक्टर में भूमिगत सुरंग मिलने से पाकिस्तान की इस साजिश का भी खुलासा हो चुका ।
मिशन प्रमुखों को बताया गया कि पुलिस और खुफिया अधिकारियों द्वारा प्रारंभिक जांच , बरामद ए के 47 राइफल्स और अन्य वस्तुओं पर चिह्नों से पक्के सबूत मिले हैं कि आतंकवादी प स्थित जैश – ए – मोहम्मद के थे । यह भी बताया गया कि 19 नवंबर की घटना जम्मू – कश्मीर में पाकिस्तान के जारी आतंकवादी अभियान का हिस्सा है और वर्ष 2020 में ही आतंकवादी हिंसा की 200 घटनाओं और 199 आतंकवादियों के मारे जाने से यह बात पुख्ता होती है । जैश द्वारा पूर्व में आतंकी घटनाओं की जानकारी भी साझा की गई ।
