मध्यप्रदेश के विवादित नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा को अभी जेल से राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं । इंदौर जिले के अनुविभागीय दंडाधिकारी ( एसडीएम ) राजेश राठौर ने बाबा का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया है ।
गौरतलब है कि इंदौर शहर से सटे जम्बूर्डी हप्सी गांव में कथित सरकारी जमीन पर बने कंप्यूटर बाबा के अवैध आश्रम को जमींदोज किए जाने के साथ ही इस धार्मिक हस्ती समेत सात लोगों को रविवार को एहतियातन गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया था । केवल 15 महीने चल सकी पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने कंप्यूटर बाबा को राज्य मंत्री का दर्जा देते हुए नर्मदा , क्षिप्रा और मन्दाकिनी नदियों के संरक्षण के लिये गठित न्यास का अध्यक्ष बनाया था ।
सूबे की तत्कालीन भाजपा सरकार ने भी कंप्यूटर बाबा को अप्रैल 2018 में राज्य मंत्री का दर्जा दिया था । लेकिन उन्होंने इसके कुछ ही समय बाद यह आरोप लगाते हुए इस दर्जे से इस्तीफा दे दिया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा को स्वच्छ रखने और इस नदी से अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के मामले में संत समुदाय से ” वादाखिलाफी ” की है ।
कंप्यूटर बाबा की गिरफ्तारी की कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कड़ी निंदा की थी और इसे बदले की कार्रवाई बताया था । बता दें कि कंप्यूटर बाबा को कमलनाथ सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था । इससे पहले शिवराज सरकार में भी उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ था , लेकिन कमलनाथ सरकार बनने पर कंप्यूटर बाबा ने भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया था । लोकसभा चुनाव के दौरान कंप्यूटर बाबा ने भोपाल से दिग्विजय सिंह की जीत के लिए मिर्ची यज्ञ भी किया था , हालांकि सिंह भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से चुनाव हार गए थे ।
