लद्दाख के कारगिल इलाके को कश्मीर घाटी के साथ जोड़ने वाली जोजिला टनल के निर्माण का काम बृहस्पतिवार से शुरू हो जाएगा । सामरिक अहमियत वाली इस 14.15 किलोमीटर लंबी टनल के निर्माण कार्य की शुरुआत केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पहले विस्फोट के लिए बटन दबाकर करेंगे । इसे एशिया की दो दिशा वाली सबसे लंबी टनल माना जा रहा है ।
केंद्र सरकार जम्मू – कश्मीर में एक और टनल का निर्माण कार्य शुरू करने जा रही है . केंद्रीय सड़क – परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए जोजिला सुरंग ( Zojila Tunnel ) के निर्माण के लिए पहला ब्लास्ट करेंगे . गडकरी ने कहा कि इस टनल के बनने से श्रीनगर , द्रास , करगिल और लेह क्षेत्रों में हर मौसम के लिए कनेक्टिविटी स्थापित हो जाएगी . इसके अलावा दोनों स्थानों के बीच यात्रा में लगने वाले समय में 3 घंटे 15 मिनट की कमी आएगी .हिमालय रेंज में कश्मीर से लद्दाख को जोड़ने वाली जोजिला पास टनल को बनाने का काम मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ( MEIL ) को मिला है . नेशनल हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ( NHIDCL ) की तरफ से इस प्रोजेक्ट की फाइनेंस बिड खोली गई थी , जिसमें MEIL ने दूसरी कंपनियों के मुकाबले सबसे कम कीमत रखी थी .केद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को कहा , गडकरी बृहस्पतिवार को जम्मू – कश्मीर में जोजिला टनल के लिए पहले विस्फोट को चालू करेंगे । मंत्रालय के मुताबिक , इस टनल का निर्माण पूरा होने पर श्रीनगर और लेह के बीच पूरा साल संपर्क जुड़े रहने से जम्मू – कश्मीर का सर्वांगीण आर्थिक और सामाजिक – सांस्कृतिक एकीकरण हो पाएगा । मंत्रालय ने कहा , यह टनल पूरा होने के बाद आधुनिक भारत के इतिहास में ऐतिहासिक उपलब्धि होगी । यह देश की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी । खासतौर पर लद्दाख , गिलगित और बाल्टिस्तान क्षेत्रों में हमारी सीमाओं पर चल रही भारी सैन्य गतिविधियों को देखते हुए इसकी बेहद अहम भूमिका होगी ।
करगिल में बनने वाली जोजिला टनल हर लिहाज से दुनिया के सबसे आधुनिक सुरंगों में से एक होगी . अटल टनल की तरह ही जोजिला सुंरग बनाने का सपना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था जिसे अब मोदी सरकार पूरा करने जा रही है . करगिल के जोजिला दर्रे को दुनिया का सबसे खतरनाक दर्रा माना जाता . टनल के बनने से एक तो इसे पार करने का जोखिम कम होगा और जो दूरी को तय करने में तीन घंटे लगते थे वो महज 15 मिनट में पूरी हो जाएगी . जोजिला सुरंग , श्रीनगर , करगिल और लेह को आपस में जोड़ने में मददगार होगी . सुरंग से सेना को ना सिर्फ चीन सीमा बल्कि पाकिस्तानी की सीमा पर भी जवानों की तैनाती में मदद मिलेगी .
