खतौनी की तर्ज पर राजस्व गांवों की आबादी वाली जमीनों की घरौनी तैयार की गई है । स्वामित्व योजना के तहत बनने वाली घरौनी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाभार्थियों को सौंपेंगे । इस घरौनी ( ग्रामीण आवासीय अभिलेख ) में आवासीय संपत्ति का पूरा ब्योरा दर्ज होगा ।ग्रामीण भारत में बदलाव के लिए बड़े सुधार की कोशिशों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भू संपत्ति मालिकों को ‘ स्वामित्व ‘ योजना के तहत संपत्ति कार्ड वितरित करने की योजना का शुभारंभ करेंगे . इस योजना के तहत लगभग एक लाख भू – संपत्ति मालिक अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस से प्राप्त होने वाले लिंक से संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे . संबंधित राज्य सरकारें संपत्ति कार्ड का फिजिकल वितरण करेंगी .6 राज्यों को 763 गांव होंगे लाभान्वित इसके तहत 6 राज्यों के 763 गांवों के लोग लाभान्वित होंगे , जिसमें उत्तर प्रदेश के 346 , हरियाणा के 221 , महाराष्ट्र के 100 , मध्य प्रदेश के 44 , उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के 2 गांव शामिल होंगे .
महाराष्ट्र को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के लाभार्थी 1 दिन के अंदर फिजिकल कार्ड प्राप्त करेंगे , जबकि महाराष्ट्र के भू – स्वामियों को संपत्ति कार्ड मिलने में 1 महीने का समय लग सकता है , क्योंकि महाराष्ट्र सरकार संपत्ति कार्ड के लिए सामान्य शुल्क लागू करने का प्रबंध कर रही है .स्वामित्व योजना के अंतर्गत तैयार किए गए प्रॉपर्टी कार्ड का डिजिटल वितरण रविवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे । जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा जिले के राजस्व विभाग एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ वेब लिंक पर कार्यक्रम को देखेंगे । जिलाधिकारी ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी समेत 37 जिलों में स्वामित्व योजना के तहत घरौनी का वितरण किया जाएगा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के बाद जनप्रतिनिधियों एवं जनपदस्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति में लाभार्थियों को भौतिक रूप से भी प्रॉपर्टी कार्ड की हार्ड कॉपी वितरित की जाएगी ।
पीएम मोदी इस योजना के लाभार्थियों में से कुछ के साथ बातचीत करेंगे , जिसमें लगभग 132,000 जमींदारों को कार्ड सौंपे जाएंगे । कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहेंगे । पीएमओ के अनुसार , लाभार्थी उत्तर प्रदेश के 346 , हरियाणा के 221 , महाराष्ट्र के 100 , मध्य प्रदेश के 44 , उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो सहित कुल 763 गांवों के हैं । महाराष्ट्र को छोड़कर सभी राज्यों के लाभार्थियों को एक दिन के भीतर संपत्ति कार्ड की भौतिक प्रतियां ILE टोंगी लेकिन चूंकि पश्चिमी राज्य में इन कार्डों ऐप पर पढ़ें तो लागत वसूलने की व्यवस्था है , इसलिए वहां एक महीने का समय लगेगा । इस योजना को चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू किया जा रहा है । बयान में कहा गया है कि यह 2020 से 2024 तक 662,000 गांवों को कवर करेगा और ग्रामीणों द्वारा ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में संपत्ति का उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करेगा । पीएमओ ने दावा किया कि लाखों ग्रामीण संपत्ति के मालिक अपनी तरह की पहली योजना से लाभान्वित होंगे जिसमें तकनीक विकसित किया गया है।
