शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था , वह पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद वह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे , इसके साथ ही वह कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से भी एक थे . शास्त्री जी महात्मा गाँधी के उन समर्थकों में से थे , जो हमेशा उनके विचारों और मूल्यों का आदर किया करते थे . वह महात्मा गाँधी के साहस और अंहिसा निती से काफी प्रभावित थे , यह उनपर महात्मा गाँधी का प्रभाव ही था , कि वह देश के आजादी की लड़ाई में इतने कम उम्र में शामिल हो गये थे . बड़े होते हुए उन पर इतिहास का खास जूनून सवार था . जिसमें स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाएं भी शामिल थी , जिनसे उन्हें शांति की प्रेरणा मिली , इसके अलावा महात्मा गाँधी और एनी बेसेंट ने भी उनके जीवन पर गहरी छाप छोड़ी . वह गाँधी जी से इतने प्रभावित थे कि गाँधी जी के असहयोग आंदोलन में सरकारी विद्यालयों को छोड़ने के आवाहन पर उन्होंने अपनी पढ़ाई तक छोड़ दी और अगले ही दिन असहयोग आंदोलन में शामिल हो गये . इसके बाद वह सदैव स्वतंत्रता संघर्षों में हिस्सा लेने लगे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक महत्वपूर्ण सदस्य बन गये .
देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ( Lal Bahadur Shastri ) की जयंती 2 अक्टूबर ( 2 October ) को मनाई जाती है . यानि महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री का जन्म एक ही दिन हुआ था और 2 अक्टूबर को दोनों की जयंती मनाई जाती है . दोनों ने ही पूरा जीवन इस देश के लिए समर्पित कर दिया . लाल बहादुर शास्त्री ने अपना पूरा जीवन गरीबों की सेवा में समर्पित कर दिया था . शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में दो अक्टूबर , 1904 को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के घर हुआ था . देश की आजादी में लाल बहादुर शास्त्री ( Lal Bahadur Shastri ) का खास योगदान है . साल 1920 में शास्त्री ( Shastri ) भारत की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे . स्वाधीनता संग्राम के जिन आंदोलनों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही , उनमें 1921 का असहयोग आंदोलन , 1930 का दांडी मार्च और 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन उल्लेखनीय हैं . शास्त्री ने ही देश को ‘ जय जवान , जय किसान ‘ का नारा दिया था।

सारांश
- पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था . जब शास्त्री केवल डेढ़ वर्ष के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया था .
- लाल बहादुर शास्त्री को चाचा के साथ रहने के लिए भेज दिया गया था ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें . घर पर सब उन्हें नन्हे कहकर पुकारते थे . वे कई मील की दूरी नंगे पांव ही तय कर विद्यालय जाते थे , यहां तक की भीषण गर्मी में जब सड़कें अत्यधिक गर्म हुआ करती थी तब भी उन्हें ऐसे ही जाना पड़ता था .
- लाल बहादुर शास्त्री जब केवल 11 वर्ष के थे तब से ही उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कुछ करने का मन बना लिया था . 16 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और गांधी जी के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए .
- लाल बहादुर काशी विद्या पीठ में शामिल हुए . विद्या पीठ की ओर से उन्हें दी गई प्रदत्त स्नातक की डिग्री का नाम ‘ शास्त्री ‘ था , और यही नाम आगे उनके नाम के साथ जुड़ गया और उनका पूरा नाम लाल बहादुर शास्त्री हो गया .
- महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लेने के चलते वह कुल सात वर्षों तक ब्रिटिश जेलों में रहे थे .
- आजादी के बाद वे 1951 में नई दिल्ली आ गए एवं केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों का प्रभार संभाला . वह रेल मंत्री , परिवहन एवं संचार मंत्री , वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री , गृह मंत्री एवं नेहरू जी की बीमारी के दौरान बिना विभाग के मंत्री रहे . 7. 1964 में जब लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने . उनके शासनकाल में 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ . उस समय देश में भयंकर सूखा पड़ा और खाने की चीजों को निर्यात किया जाने लगा . संकट को टालने के लिए उन्होंने देशवासियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की . साथ ही कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए उन्होंने ‘ जय जवान जय किसान ‘ का नारा दिया .
