Nation

​रक्षा मंत्री राजनाथ​ ने ​लोकसभा में ​​’लद्दाख में सीमा पर हालात’ के बारे में दिया बयान

​​​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ​ने ​मंगलवार को ​​लोकसभा में ​चीन मुद्दे पर बयान ​देकर​​ ​’लद्दाख में सीमा पर हालात’ के बारे में देश को अवगत करा​या। ​उन्होंने खुले तौर पर माना कि चीन ने लद्दाख में भारत की लगभग ​​38​ हजार वर्ग किमी भूमि ​पर अनधिकृत कब्जा किया है​​। इसके अलावा 1963 में एक तथाकथित सीमा-समझौते के तहत पाकिस्तान ने पीओके की 5180 वर्ग किमी भारतीय भूमि को अवैध रूप से ​चीन ​को सौंप ​दी है​। ​अपनी जमीन और सीमा की रक्षा करते हुए कर्नल संतोष बाबू और उनके 19 वीर साथियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।​​   

लद्दाख की पूर्वी सीमाओं पर हाल में हुई गतिविधियों से अवगत ​कराते हुए ​उन्होंने कहा कि इस सदन ने ​कल ही ​दो मिनट ​का ​मौन रखकर​ लद्दाख में शहीद हुए वीर जवानों को अपनी श्रद्धांज​लि अर्पित की है​।​​ मैंने भी लद्दाख जाकर अपने शूरवीरों के साथ कुछ समय बिताया है और मैं आपको यह बताना चाहता ​हूं कि मैंने उनके अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को महसूस किया है​। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ​भी ​हाल ही में लद्दाख का दौरा कर​के ​ बहादुर जवानों से मुलाकात ​करके उन्हें यह संदेश भी दिया था कि समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं। ​रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा विवाद ​एक जटिल मुद्दा है, जिसके समाधान के लिए धैर्य की आवश्यकता है​​।​ ​यह भी बताना चाहता हूं कि अभी तक भारत-चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों में आमतौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (​​​​एलएसी) नहीं है और एलएसी को लेकर दोनों ​देशों ​की धारणा अलग-अलग है​​।  

एलएसी पर आयुध में वृद्धि 

रक्षा मंत्री ने कहा कि वर्ष 1993 एवं 1996 के समझौते में इस बात का जिक्र है कि एलएसी के पास दोनों देश अपनी-अपनी सेनाओं की संख्या कम से कम रखेंगे। समझौते में यह भी है कि जब तक सीमा के मुद्दे का पूर्ण समाधान नहीं होता है, तब तक ​एलएसी पर इस समझौते का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। मैं सदन को वर्तमान स्थिति के बारे में अवगत कराना चाहता हूं कि सरकार की विभिन्न खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय का एक विस्तृत और समय परीक्षण तंत्र है, जिसमें केंद्रीय पुलिस बल और तीनों सशस्त्र बल की खुफिया एजेंसियां ​​शामिल हैं। अब मैं सदन को इस साल उत्पन्न परिस्थितियों से अवगत कराना चाहता हूं कि अप्रैल माह से पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन की सेना और उनके आयुध में वृद्धि देखी गई है। 

सदन में राजनाथ सिंह ने कहा कि मई महीने की शुरुआत में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारी सेना के सामान्य, पारंपरिक गश्त को रोकना शुरू किया, जिसके कारण आमने-सामने की स्थिति उत्पन्न हुई। हमने चीन को कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से यह अवगत करा दिया कि उसकी इस प्रकार की हरकतें एलएसी की यथास्थिति एकतरफा बदलने का प्रयास है। यह भी साफ कर दिया गया है कि यह सभी प्रयास हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। एलएसी पर विवाद बढ़ने पर दोनों ओर के सैन्य कोर कमांडरों ने 6 जून, 2020 को मुलाकात की। इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि एलएसी की यथास्थिति एकतरफा बदलने जैसी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके बावजूद सहमति का उल्लंघन करते हुए चीन ने 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक स्थिति पैदा की। इस घटना में हमारे 20 सिपाहियों ने अपनी जान का बलिदान दिया और चीनी पक्ष को भी भारी क्षति पहुंचाई लेकिन अपनी सीमा की सुरक्षा करने में कामयाब रहे। इस दौरान हमारे बहादुर जवानों ने जहां संयम बरतने की जरूरत थी, वहां संयम बरता और जहां शौर्य दिखने की जरूरत थी, वहां शौर्य प्रदर्शित किया। 

भारत में चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक और सैन्य जुड़ाव बनाए रखा है

रक्षा मंत्री ने सदन से अनुरोध किया कि हमारे जवानों की वीरता और उनकी बहादुरी की भूरि-भूरि प्रशंसा करने में मेरा साथ दें। हमारे जवान बेहद मुश्किल परिस्थितियों में अपने अथक प्रयास से सभी देशवासियों को सुरक्षित रखने वाले हैं। किसी को भी हमारी सीमा की सुरक्षा के प्रति हमारे दृढ़ संकल्प के बारे में संदेह नहीं होना चाहिए। भारत यह भी मानता है कि पड़ोसियों के साथ घरेलू संबंधों के लिए आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता आवश्यक हैं। चूंकि हम मौजूदा स्थिति का संवाद के जरिए समाधान चाहते हैं, इसलिए हमने चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक और सैन्य जुड़ाव बनाए रखा है। इन चर्चाओं में तीन प्रमुख सिद्धांत हमारे दृष्टिकोण को तय करते हैं। पहला- दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान और कड़ाई से इसका पालन करना चाहिए। दूसरा- किसी भी पक्ष को अपनी ओर से यथास्थिति का उल्लंघन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए और तीसरा- दोनों पक्षों के बीच सभी सहमति और समझ का पूर्णतया पालन होना चाहिए।

रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन की तरफ से 29 और 30 अगस्त की रात को उत्तेजक सैनिक कार्रवाई की गई, जो पैंगोंग झील के साउथ किनारे में यथास्थिति को बदलने का प्रयास था लेकिन एक बार फिर हमारी सेना की समय से की गई कार्रवाई के कारण उनके ये प्रयास सफल नहीं हुए। इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि चीन विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों की अवहेलना करता दिखता है। चीन द्वारा सैनिकों की भारी मात्रा में तैनाती करना भी 1993 और 1996 के समझौतों का उल्लंघन है जबकि हमारे सशस्त्र बल समझौते का पूरी तरह से पालन करते हैं। 

चीनी पक्ष ने एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोला-बारूद जुटाया  

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में चीनी पक्ष ने एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोला-बारूद जुटा रखा है। पूर्वी लद्दाख में गोगरा और पैंगोंग झील का उत्तरी और दक्षिणी तट मुख्य रूप से विवादित क्षेत्र हैं। चीन की कार्रवाई के जवाब में हमारे सशस्त्र बलों ने भी इन क्षेत्रों में उपयुक्त जवाबी तैनाती की है ताकि भारत के सुरक्षा हितों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सके। भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा मुद्दों का हल, बातचीत और परामर्श के जरिए किए जाने के प्रति प्रतिबद्ध है। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसी उद्देश्य को पाने के लिए मैं अपने चीनी समकक्ष से 4 सितम्बर को मास्को में मिला और उनसे हमारी गहन चर्चा हुई​​​।​ ​मैंने स्पष्ट तरीके से अपनी चिन्ताओं को चीनी पक्ष के समक्ष रखा। इस वार्ता में मैंने बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की तैनाती, आक्रामक व्यवहार और एकतरफा स्थिति को बदलने की कोशिश से संबंधित चर्चा की।​​ मैंने यह भी स्पष्ट किया कि हम इस मुद्दे को सार्वजनिक तरीके से हल करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि चीनी पक्ष हमारे साथ मिलकर काम करें। मैंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं​​​​। रक्षा मंत्री ने सदन से अनुरोध किया कि हमें अपने सैनिकों को सम्मान देने के लिए एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए​​।​ मैं यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारे सशस्त्र बलों के जवानों का जोश और हौसला बुलंद है। इसके साथ-साथ मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं​।

हिन्दुस्थान समाचार

News is information about current events. News is provided through many different media: word of mouth, printing, postal systems, broadcasting, electronic communication, and also on the testimony of observers and witnesses to events. It is also used as a platform to manufacture opinion for the population.

Contact Info

Address:
D 601  Riddhi Sidhi CHSL
Unnant Nagar Road 2
Kamaraj Nagar, Goreagaon West
Mumbai 400062 .

Email Id: [email protected]

West Bengal

Eastern Regional Office
Indsamachar Digital Media
Siddha Gibson 1,
Gibson Lane, 1st floor, R. No. 114,
Kolkata – 700069.
West Bengal.

Office Address

251 B-Wing,First Floor,
Orchard Corporate Park, Royal Palms,
Arey Road, Goreagon East,
Mumbai – 400065.

Download Our Mobile App

IndSamachar Android App IndSamachar IOS App

© 2018 | All Rights Reserved

To Top
WhatsApp WhatsApp us