पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ पिछले करीब चार महीने से चले आ रहे गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को मॉस्को में अपने चीनी समकक्ष जनरल वी फेंगे से मुलाकात की है। दोनों देशों के बीच सीमा पर जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्रियों की यह पहली मुलाकात है।
दोनों देशों के रक्षा मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मास्को में हैं। यह मुलाकात इस बैठक से इतर हुई है। दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच मास्को के होटल मेट्रोपोल में मुलाकात हुई जहां चीनी रक्षा मंत्री श्री सिंह से मिलने के लिए पहुंचे। रक्षा मंत्रियों के साथ उनके देशों के शिष्टमंडल भी थे।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले सप्ताह पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर हुए ताजा घटनाक्रम के बाद एक बार से तनाव बढने के मद्देनजर इस मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चीन और भारत के सैनिकों के बीच गत 15 जून को हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारत के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गये थे। चीन के भी बड़ी संख्या में सैनिक मारे गये थे हालाकि चीन ने कभी आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं किया। मई की शुरुआत में विवाद के बाद ऐसा तीसरी बार है जब चीन के रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह के बैठक के लिए समय मांगा था।
दो रक्षामंत्रियों के बीच यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह नरेंद्र मोदी सरकार में नंबर दो हैं और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष हैं। वहीं, जनरल वेई मिसाइल फोर्स के पूर्व कमांडर, स्टेट काउंसलर और शक्तिशाली सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के सदस्य हैं। CMC का ही PLA पर नियंत्रण है, जिसके मुखिया राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं।
दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फिर से उस वक्त और बढ़ गया जब भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो में पांच दिन पहले चीन सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ को नाकाम करते हुए उस ऊंचाई वाले क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर विदेश मंत्रियों के शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए 10 सितंबर को रूस की राजधानी मॉस्को जाएंगे।
यूनाइटेट स्टेट्स-इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम की तरफ से नई चुनौतियों पर एक सेमिनार के दौरान बोलते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत चीन और पाकिस्तान दोनों सेनाओं के ‘समन्वित कार्रवाई’ से नॉर्दर्न और वेस्टर्न सीमाओं पर एक साथ खतरा बताया। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय सेना इस संयुक्त खतरे की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है।
सोर्स – लाइव एच
