कोरोना के खिलाफ जारी जंग में आने वाली बाधाओं पर काबू पाने और देश सेवा करने में भारतीय रेलवे जी जान से लगा हुआ है। कोरोना महामारी के इस दौर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) एक ‘संजीवनी’ के रूप में सामने आई है। सभी तक यह संजीवनी पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ शुरू की गई। ये एक विशेष ट्रेन है, जिसे रोल-ऑन, रोल ऑफ (आरओ-आरओ) सर्विस के रूप में शुरू किया गया। ट्रेन सही समय पर बिना किसी रुकावट के गंतव्य तक पहुंचे इसके लिए विशेष ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाये गए हैं। पिछले डेढ़ महीने से ज्यादा समय से भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है।
400 से ज्यादा ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने पूरी की यात्रा
आपको बता दें, अब तक 400 से अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन अपनी यात्रा पूरी कर चुकी हैं। भारतीय रेलवे अब तक देश के विभिन्न राज्यों में 1,648 टैंकरों के माध्यम से 28,473 मीट्रिक टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचा चुका है। इससे देश के कई राज्यों को काफी राहत मिली है।
पिछले 24 घंटे में 4 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने सफर शुरू किया
पिछले 24 घंटे में 18 टैंकरों में 347 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन लेकर 4 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन रास्ते में अपना सफर तय कर रही हैं। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन पिछले कुछ दिनों से लगातार हर दिन लगभग 1,100 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन देश के विभिन्न राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों में पहुंचा रही हैं। भारतीय रेलवे का प्रयास है कि अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम समय में अधिक से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।
एक दिन में पहुंचाई 1195 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने एक दिन में देश में सबसे अधिक 1195 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई जो 23 मई 2021 को पहुंचाई गई 1142 मीट्रिक टन के लोड को पार गई। हर दिन भारतीय रेलवे सफलता के नए मानक गढ़ रही है।
दक्षिण के राज्यों को मिली बड़ी राहत
केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों को ऑक्सीजन आपूर्ति के मामले में बड़ी राहत मिली है, क्योंकि कई ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने इन राज्यों में बीते कुछ दिनों में काफी मात्रा में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। आपको बता दें, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की डिलीवरी 13,800 मीट्रिक टन को पार कर गई है। यह कुल आपूर्ति का 45% के लगभग है।
इन 15 राज्यों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने पहुंचाई ऑक्सीजन
ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 15 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।
किस राज्य में कितनी पहुंचाई
अब तक महाराष्ट्र को 614 एमटी, उत्तर प्रदेश को लगभग 3797 एमटी, मध्य प्रदेश को 656 एमटी, दिल्ली को 5722 एमटी, हरियाणा को 2354 एमटी, राजस्थान को 98 एमटी, कर्नाटक को 3450 एमटी, उत्तराखंड को 320 एमटी, तमिलनाडु को 4303 एमटी, आंध्र प्रदेश को 3212 एमटी, पंजाब को 225 एमटी, केरल को 513 एमटी, तेलंगाना को 2765 एमटी, झारखंड को 38 एमटी और असम को 400 एमटी ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है।
15 राज्यों के इन शहरों में पहुंचाई ऑक्सीजन
आपको बता दें, अभी तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से देश के 15 राज्यों में 39 शहरों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। इन शहरों में उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, बरेली, गोरखपुर और आगरा, मध्य प्रदेश के सागर, जबलपुर, कटनी व भोपाल, महाराष्ट्र के नागपुर, नासिक, पुणे, मुंबई और सोलापुर, तेलंगाना में हैदराबाद, हरियाणा में फरीदाबाद व गुरुग्राम, दिल्ली में दिल्ली कैंट व ओखला, राजस्थान में कोटा व कनकपारा, कर्नाटक में बेंगलुरू, उत्तराखंड में देहरादून, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर, गुंटूर, ताड़ीपत्री व विशाखापट्टनम, केरल के एर्नाकुलम, तमिलनाडु के तिरुवल्लूर, चेन्नई, तूतीकोरिन, कोयम्बटूर और मदुरई, पंजाब के भटिंडा व फिल्लौर, असम के कमरूप और झारखंड के रांची को ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।
राज्य प्रदान करते हैं खाली टैंकर
रेलवे ने ऑक्सीजन आपूर्ति वाले स्थानों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए कई मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों में ऑक्सीजन की किसी भी आपात जरूरत से निपटने के लिए खुद को तैयार रखा है। आपको बता दें, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लाने के लिए संबंधित राज्य भारतीय रेलवे को टैंकर स्वयं प्रदान करते हैं।
ऑक्सीजन को तेज गति पहुंचाने के लिए कर्मचारी कर रहे हैं अत्यधिक मेहनत.
ऑक्सीजन की तेज गति से पहुंच सुनिश्चित करने के लिए रेलवे, ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्राथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज, संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है। रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें। यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढुलाई की गति में कोई कमी न हो।
24 अप्रैल को चली थी पहली ऑक्सीजन ट्रेन
आपको बता दें, अप्रैल महीने में कई शहरों में ऑक्सीजन की कमी की बात सामने आ रही थी। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर जल्द ऑक्सीजन की सप्लाई करने की मांग की थी। इस पर केंद्र सरकार और रेलवे ने 19 अप्रैल से ऑक्सीजन की ढुलाई के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने की घोषणा की थी। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन ने ग्रीन कॉरिडोर के जरिए शुरुआत में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्य में ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की। धीरे-धीरे देश के हर कोने तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ऑक्सीजन पहुंचा रही है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 47 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाने के साथ अपना काम प्रारंभ किया था। इस अभियान में भारतीय रेलवे के साथ भारतीय वायुसेना और नौसेना भी शामिल हुई ।
नई ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन काफी गतिशील कार्य है, और इस संबंध में आंकड़े भी लगातार परिवर्तित हो रहे हैं। यही वजह है कि आज देर रात तक ऑक्सीजन टैंकर्स लेकर कुछ अन्य ऑक्सीजन ट्रेनों के यात्रा शुरू करने की उम्मीद है। ज्ञात हो, ऑक्सीजन की ढुलाई एक जटिल प्रक्रिया है। देशभर में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन तथा ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति के लिए ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ बहुत महत्वपूर्ण साधन साबित हो रही है।
