संसद में पास हुए कृषि बिल के खिलाफ किसानों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है,आज उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने जमकर प्रदर्शन किया, मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कैन्द्र सरकार बहुमत के नशें में चूर है उन्होंने आगे कहते हुए कहा कि यह देश की संसद के इतिहास में पहली दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि अन्नदाता के विधेयक पास कराने के समय ना ही कोई चर्चा और ना ही किसी सांसद को इसपर सवाल करने का अधिकार दिया गया यह भारतीय लोकतंत्र के अध्याय में एक काला दिन है।
राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार अगर अपने हठधर्मिता पर कायम रहेगी तो फिर किसान भी पीछे हटने के लिए कभी भी तैयार नहीं होंगे,25 सितंबर को किसान पूरे देश में इस विल के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।
राकेश टिकैत ने कहा कि अगर देश के सांसदों को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है तो मोदी जी देश के लिए महामारी के समय नई संसद बनाकर जनता की कमाई का 900 करोड रूपया क्यों बर्बाद कर रहे हैं . आज देश की सरकार पीछे के रास्ते से किसानों के समर्थन मूल्य का अधिकार छीनना चाहती है , जिससे देश का किसान बर्बाद हो जायेगा . उनका आरोप है कि मंडी के बाहर खरीद पर कोई शुल्क न होने से देश की मंडी व्यवस्था समाप्त हो जायेगी . सरकार धीरे – धीरे फसल खरीदी से हाथ खींच लेगी . किसान को बाजार के हवाले छोड़कर देश की खेती को मजबूत नहीं किया जा सकता . इसके परिणाम पूर्व में भी विश्व व्यापार संगठन के रूप में मिले हैं .
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर सरकार इस बिल पर अपनी हठधर्मिता पर कायम रहती है तो हम 25 सितंबर को इस बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे और जब तक कोई समझौता नहीं होता तब तक हम सबको पर रहेंगे।
