कई सालों की बातचीत के बाद जी-7 देश मिनिमम ग्लोबल कॉर्पोरेशन टैक्स रेट को न्यूनतम 15 प्रतिशत रखने के फैसले पर तैयार हो गए हैं। ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनाक ने इस समझौते की घोषणा की। ग्लोबल टैक्स सिस्टम से सुधार के लिए दुनिया के सबसे विकसित 7 देशों के ग्रुप जी-7 के बीच ग्लोबल कॉर्पोरेट टैक्स को लेकर हुई इस सहमति को अमेरिका के विदेश मंत्री जेनेट एलेन ने ऐतिहासिक बताया। वित्त मंत्रियों की यह बैठक जी-7 के नेताओं की सालाना शिखर बैठक से पहले हुई है और इस करार पर जी7 की शिखर बैठक में मुहर लगेगी।
क्या है जी-7 ?
जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है। इसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी। इसमें फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है। इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहा जाता है। शुरुआत में यह छह देशों का समूह था लेकिन 2018 में कनाडा के शामिल होने के बाद यह जी-7 बन गया। हर सदस्य देश बारी-बारी से सालाना शिखर सम्मेलन की मेजबानी करता है और इस ग्रुप की अध्यक्षता करता है।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देना होगा न्यूनतम 15% ग्लोबल कॉर्पोरेट टैक्स
समझौते के मुताबिक, अब बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कम से कम 15% ग्लोबल कॉर्पोरेट टैक्स देना होगा। यह निर्णय जी-7 देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी दुनिया की दिग्गज कंपनियां नियमों में ट्रांसपेरेंसी नहीं है। इसके कारण इनका सही तरीके से टैक्सेशन नहीं होता, जिससे सरकारों को टैक्स का भारी नुकसान झेलना पड़ता है। लंदन में हुई जी-7 के सदस्य देशों की बैठक में यह भी सहमति बनी कि बड़ी कंपनियों को अपने वास्तविक ठिकाने के साथ-साथ वहां भी टैक्स देना चाहिए, जहां उनके उत्पादों की बिक्री होती है।
ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनियों पर लगाया जा सकता है 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर
इसके अनुसार जिन देशों में कंपनियों के उत्पादों की बिक्री होती है, वे कंपनी के मुनाफे पर कम से कम 20 प्रतिशत तक का कर ले सकती हैं। जी-7 के मंत्रियों ने कंपनियों की गतिविधियों से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को सार्वजनिक करने के बारे में भी बात की, ताकि निवेशक फैसला कर सकें कि उन्हें कंपनियों में निवेश करना है या नहीं। बड़ी और ज्यादा मुनाफा कमाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर अलग से 10 प्रतिशत कर लगाया जा सकता है।
भारत में घरेलू कंपनियों के लिए 22% कर किया गया है निर्धारित
निवेश गतिविधि को पुनर्जीवित करने के लिए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 21 सितंबर, 2019 को कर में कटौती कर घरेलू कंपनियों के लिए 22% और नई घरेलू निर्माण कंपनियों के लिए 15% कॉर्पोरेट कर निर्धारित किया था। कर निर्धारण कानून (संशोधन) अधिनियम, 2019 के द्वारा कुछ शर्तों के साथ मौजूदा घरेलू कंपनियों के लिए 22% की रियायती कर दर प्रदान करने के लिए आयकर अधिनियम, 1961 में एक अन्य धारा – 115BAA सम्मिलित की गई। रियायती कर निर्धारण व्यवस्था का चयन करने वाली मौजूदा घरेलू कंपनियों को किसी भी न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
11 जून से 13 जून तक आयोजित किया जाएगा 47वां शिखर सम्मलेन
लगभग दो साल के बाद, ब्रिटेन अगले सप्ताह जी-7 का 47वां शिखर सम्मलेन आयोजित करेगा। यह 11 जून से 13 जून तक आयोजित किया जाएगा। इस बैठक में सभी सदस्य देशों के नेता व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे। इस सम्मेलन का उद्देश्य कोविड महामारी से लड़ने के लिये विश्व के अग्रणी लोकतंत्रों को एकजुट करना है। अमेरिका, फ्रांस, इटली, जापान, जर्मनी और यूरोपीय संघ तथा कनाडा के नेता इस बैठक में भाग लेंगे। इस साल जनवरी में अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडन का यह पहला विदेशी दौरा होगा।
ब्रिटेन ने भारत को अतिथि के रूप में किया है आमंत्रित
ब्रिटेन ने भारतीय प्रधानमंत्री को 47वें जी-7 शिखर सम्मेलन में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को भी ‘अतिथि देशों’ के रूप में शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिये आमंत्रित किया गया है। वर्ष 2020 में अमेरिका द्वारा भी भारत को शिखर सम्मेलन के लिये आमंत्रित किया गया था, हालांकि महामारी के कारण यह सम्मेलन नहीं हो पाया था। इससे पहले वर्ष 2019 में फ्रांस में आयोजित 45वें जी-7 शिखर सम्मेलन में भी भारत को बतौर अतिथि आमंत्रित किया गया था।
अगले वर्ष के अंत तक संपूर्ण विश्व का टीकाकरण होगी सबसे महान उपलब्धि.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बैठक में जी-7 के सदस्य देशों से 2022 के अंत तक दुनिया के सभी लोगों को कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराने की अपील की। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष के अंत तक संपूर्ण विश्व का टीकाकरण चिकित्सा विज्ञान के इतिहास की सबसे महान उपलब्धि होगी। वहीं अमेरिका की वित्तमंत्री जेनेट एलेन ने कहा कि अमीर देशों का यह दायित्व है कि वे गरीब देशों को टीका उपलब्ध कराएं। उन्होंने कोविड वैक्सीन को पेटेंट अधिकारों से मुक्त रखने का भी समर्थन किया।
