हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में पंचम दीक्षांत समारोह का आयोजन शनिवार 8 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है।
डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे होंगे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि।
डी.लिट. उपाधि डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ एवं डॉ विजय भटकर को प्रदान की जाएगी।
8 जनवरी को आयोजित होने वाले कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुलपति ने विश्विद्यालय की प्रगति और आगामी रूपरेखा को संवाद में बताया। दीक्षांत समारोह के माध्यम से वे विद्यार्थियों के मनः को श्रेष्ठतम बने रहने का अनुक्रम कहा।

यह आयोजन कोरोनाकाल परिस्थितियों के कारण ऑनलाइन माध्यम से होगा। हिंदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को उनकी उपाधि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो कमलेशदत्त त्रिपाठी की उपस्थिति में प्रदान की जाएगी। इस दीक्षांत समारोह में 470 स्नातकों और 45 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया जाएगा। इसी क्रम में विद्या और आचरण के उत्कृष्ट पर्याय बनने हेतु विशिष्ट पदक भी प्रदान किया जाएगा।

गत अकादमिक उत्कृष्टता हेतु सुत्री नीता ज्ञानदेवराव उघड़े को कुलाधिपति स्वर्ग पदक एवं सुश्री शची पांडेय को सर्वोदया तुकाराम बोरकर स्मृति स्वर्ण पदक से सम्मानित जाएगा।
दीक्षांत समारोह में 27 शोधार्थियों को पीएचडी, 44 विद्यार्थी को एम फिल, 229 विद्यार्थी को स्नातकोत्तर तथा 170 विद्यार्थी को स्नातक की उपाधि दी जाएगी। विश्वविद्यालय के महादेवी वर्मा सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में कुलपति ने कहा कि दीक्षांत व स्थापना दिवस विश्वविद्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन के कस्तूरबा सभागार में पूर्वाह्न में 10:15 पर आयोजित किया जाएगा।

दीक्षांत समारोह एवं स्थापना दिवस दोहरी खुशी का विषय
प्रेस वार्ता के दौरान कुलपति प्रो रजनीश कुमार शुक्ल ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए दोहरी खुशी का विषय है कि ,8 जनवरी को ही विश्वविद्यालय की स्थापना दिवस है और इसके साथ इसी दिन विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को दीक्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस वर्ष अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष भी मना रहा है। ज्ञात हो रजत जयंती वर्ष का उद्घाटन भारत के यशस्वी उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू के कर कमलों से 4 जनवरी को किया गया है ।

COVID सुरक्षा को प्राथिमकता : 14 हाल में बैठेंगे विद्यार्थी
कुलपति ने कहा कि इस आनलाइन दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में ऑनलाइन सहभागिता हेतु छात्रावासों में मौजूद विद्यार्थियों शोधार्थियों के लिए 25 से 40 की संख्या में कुल 14 हाल में बच्चों के बैठने की व्यवस्था की गई है। देश दुनिया में हिंदी के चाहने वालों, भूतपूर्व विद्यार्थियों तथा अध्ययनरत विद्यार्थियों शोधकर्ताओं व उनके अभिभावकों को जोड़ने के लिए कार्यक्रम आनलाइन माध्यम उपलब्ध रहेगा। विश्वविद्यालय द्वारा अपने विभिन्न सोशल मीडिया मंच पर भी इस आयोजन का सजीव प्रसारित किया जाएगा।
किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं
पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए, कुलपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह में किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा रहा है। कोरोनावायरस के कारण सीमित संख्या और आनलाइन प्रणाली के कारण यह फिलहाल संभव नहीं है। यद्यपि कोरोना संकट से पहले तक विश्वविद्यालय ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी की थी जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर अभ्यास किया था।
वर्धा सबसे सुरक्षित स्थान
कोरोनावायरस के इस बढ़ते प्रकोप पर एक बोलते हुए कुलपति ने कहा कि वर्धा इस समय सबसे सुरक्षित स्थान है , हालांकि कोरोना का संकट पूरे देश में छाया हुआ है लेकिन उचित सावधानी से यह स्थान सुरक्षित है। विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार प्रयासरत है कि शिक्षा बाधित ना हो जिसके लिए अब आनलाइन शिक्षा के दौरान इंटरनेट रेडियो बेस्ड क्लासेज की शुरुआत जनवरी से शुरू किया जाएगा। इस प्रणाली में विद्यार्थियों- शिक्षक ओडियो मोड में पढ़ाई और सवाल जवाब कर सकेंगे।
प्रेस वार्ता के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रजनीश कुमार शुक्ल ने देश के विभिन्न मीडिया संस्थानों के पत्रकारों को संबोधित व संवाद किया। प्रेस वार्ता में प्रो कृपाशंकर चौबे, डॉ धरवेश कठरिया, डॉ संदीप वर्मा, राजेश यादव डॉ हिमांशु नारायण सहित जनसंपर्क अधिकारी बी एस मिरगे तकनीकी कर्मियों के साथ मौजूद रहे।
