महात्मा गांधी के सपने और विश्व भर में हिंदी भाषा को नया आयाम देने लिए स्थापित ,हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में कल रजतजंयती के उपलक्ष्य में बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति स्कूल स्तर पर शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा को महत्व देकर महात्मा गांधी की ‘नई तालीम’ का अनुसरण करती है। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय में बाबासाहेब की भव्य प्रतिमा के अनावरण के साथ अटल बिहारी वाजपेयी भवन एवं चंद्र शेखर आजाद छात्रावास का लोकार्पण किया।
महात्मा गांधी के नाम पर एवं विश्वभर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए स्थापित भारत के एकमात्र ,हिंदी विश्वविद्यालय महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा में 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर विश्वविद्यालय में रजत जयंती समारोह का आयोजन किया गया था । जिसमें वर्चुअल माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में शामिल उपराष्ट्रपति वेकैया नायडू ने महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए कहा कि , 1937 में वर्धा में महात्मा गांधी द्वारा प्रस्तावित “नई तालीम” में मुफ्त अनिवार्य शिक्षा के अलावा मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने पर जोर दिया गया था। उन्होंने आगे कहा कि हमारी संविधान सभा ने लंबी बहस के बाद हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया और आठवीं अनुसूची में अन्य भारतीय भाषाओं को संवैधानिक दर्जा भी दिया। यह देखते हुए कि प्रत्येक भारतीय भाषा का गौरवशाली इतिहास और समृद्ध साहित्य है, लेकिन हम भाग्यशाली हैं कि हमारे देश में भाषाई विविधता है। उन्होंने कहा कि हमारी भाषाई विविधता हमारी ताकत है, क्योंकि हमारी भाषाएं हमारी सांस्कृतिक एकता का प्रतीक हैं।इस दौरान इन्होने विश्वविद्यालय के रजत जयंती के स्मृति चिन्ह का अनावरण किया।
बाबासाहेब आजीवन शिक्षा और समता के लिए प्रतिबद्ध रहें
विश्वविद्यालय में भारतीय संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब आंबेडकर जी के भव्य प्रतिमा का अनावरण उपराष्ट्रपति के हाथों किया गया ।इस अनावरण के मौके पर बाबा साहेब को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि बाबासाहेब आजीवन शिक्षा और समता के लिए प्रतिबद्ध रहें, उनके जीवन- संघर्ष में शिक्षा ने ही उनका मार्गदर्शन किया अतः आज की इस पीढ़ी को उनका अनुसरण करते हुए , उनके दिखाए मार्ग पर आगे बढ़ना चाहिए और देश को एक नया मुकाम देना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में यह प्रतिमा शिक्षकों , छात्रों के साथ-साथ यहां के लोगों के लिए एक प्रेरणा स्तंभ के रूप में काम करेंगी।
बाबासाहेब ने समाज में समता लाया – रामदास आठवले
बाबासाहेब के इस भव्य प्रतिमा के अनावरण पर खुशी जाहिर करते हुए, भारत के केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि बाबासाहेब ने समाज में समता लाने का प्रयास किया और राष्ट्रवाद की भूमिका रखी।इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत का संविधान हम सब के लिए प्रेरणा का स्रोत है और हर भारतीय को इस पर गर्व है ,अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए उनके नाम पर भवन का निर्माण एक हर्ष का विषय है अटल बिहारी के साथ उनके अच्छे संबंध थे ।
इस कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रजनीश कुमार शुक्ल ने उपराष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया , कुलपति ने अपने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के इस भव्य इतिहास में इसका 25वा वर्ष काफी महत्वपूर्ण है,आज भारत में सामाजिक समरसता ,बंधुता,समता के जनक बाबा साहेब आंबेडकर के इस प्रतिमा का अनावरण विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ा हर्ष का विषय है ,जो यहां के विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों के साथ यह कार्यरत कर्मचारियों के लिए एक प्रेरणा के माध्यम का काम करेंगे उन्होंने राष्ट्र भर में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर भवन एवं महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के नाम पर छात्रावास के उद्घाटन को स्वर्ण सुरभि संयोग माना।
इस पूरे कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के कुलसचिव कादर नवाज ख़ान ने और धन्यवाद ज्ञापन प्रति कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद शुक्ल ने किया।इस वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान वर्धा के सांसद रामदास तड़स ऑनलाइन तथा विधान परिषद् के सदस्य डॉ. रामदास आंबटकर, जिला परिषद् की अध्यक्ष सरिता गाखरे, जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार सहित अनेक गणमान्य अतिथि, विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र प्रत्यक्षत: उपस्थित रहे।इस पूरे कार्यक्रम का प्रारंभ और समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।