कोरोना महामारी के चलते कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया है । हाईकोर्ट ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा पंडाल नो एंट्री जोन घोषित होगा । इस दौरान पंडाल में किसी भी श्रद्धालु को दर्शन करने का मौका नहीं मिल सकेगा । दुर्गा पूजा पंडालों में सिर्फ आयोजक ही आ – जा सकेंगे । जानकारी के मुताबिक , पश्चिम बंगाल में Covid – 19 के मद्देनजर इस बार दुर्गा पूजा समितियों ने श्रद्धालुओं के आगमन पर रोक लगाते हुए आभासी ‘ दर्शन ‘ का प्रबंध किया है । पश्चिम बंगाल में कोविड -19 महामारी को लेकर बने हालात के सिलसिले में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टी बी एन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने राज्य सरकार को आईसीएमआर के जांच प्रोटोकॉल और डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए नमूने लेने और जांच करने की दर तेज करने पर उसे रिपोर्ट देने को कहा ।
खंडपीठ ने कहा , ” हमारा विचार है कि आधिकारिक प्रतिवादी ( पश्चिम बंगाल सरकार ) अधिक नमूने लेने की जरूरत पर गंभीरता से विचार करे और युद्धस्तर पर जांच की जाए । इसके अलावा कोर्ट ने सरकार कोर यह भी निर्देश दिया कि वो चिकित्सा कर्मचारियों और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करें । यह रिट याचिका भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) के नेता फुआद हलीम ने दायर की थी जो एक प्रैक्टिसिंग डॉक्टर हैं । पीठ ने महाधिवक्ता किशोर दत्ता के इस तर्क को खारिज कर दिया कि याचिका को जनहित याचिका के रूप में नहीं माना जा सकता क्योंकि हलीम एक राजनीतिज्ञ हैं ।
