आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति सीसीईए ने छह राज्यों के लिए आज इंट्रा – स्टेट ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को मजबूत करने के उद्देश्य से उत्तर पूर्वी क्षेत्र विद्युत प्रणाली सुधार परियोजना के संशोधित लागत अनुमान को मंजूरी दे दी ।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में मीडिया को बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुल आर्थिक विकास और क्षेत्र में इंट्रा – स्टेट ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता है । उन्होंने कहा कि योजना के कार्यान्वयन से एक विश्वसनीय पावर ग्रिड का निर्माण होगा और लोड केंद्रों के लिए पूर्वोत्तर राज्यों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा ।
प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इस प्रकार उत्तर पूर्वी क्षेत्र में सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को ग्रिड से जुड़े बिजली की आपूर्ति का लाभ मिलेगा । श्री जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने गन्ना किसानों के लिए तीन हजार पांच सौ करोड़ रुपये की सहायता को भी मंजूरी दी है । उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने सब्सिडी का पैसा सीधे उनके खातों में जमा कर किसानों की मदद करने का फैसला लिया है । इस योजना के तहत 60 हजार टन चीनी निर्यात पर 6 हजार रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी दी जाएगी । इसका लाभ पांच करोड़ किसानों और पांच लाख श्रमिकों को मिलेगा । मंत्रिमंडल ने भारत के केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ( सीईआरसी ) , और अमरीका के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए भी अपनी मंजूरी दी है ।
