सरकार ने एलआईसी की 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर ली है . इस फैसले को कैबिनेट की मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है . सरकार एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने के लिए संशोधन बिल लाएगी . एलआईसी के आईपीओ के लिए बाजार के सही हालात का इंतजार किया जा रहा है . रॉयटर्स की एक खबर के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि सरकार किस्तों में एलआईसी की हिस्सेदारी बेचेगी सूत्रों का कहना है कि एलआईसी का आईपीओ कब आएगा , यह बाजार की परिस्थितियों पर निर्भर करता है । एलआईसी में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री कई चरणों में की जाएगी । इस बारे में वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता प्रतिक्रिया के लिए तुरंत उपलब्ध नहीं थे ।
सरकार ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 100 फीसदी से घटाकर 75 % तक सीमित करने का फैसला किया है । सरकार का मानना है कि कोरोना के इस दौर में कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च बढ़ने और टैक्स में कमी होने के अंतर की भरपाई LIC की हिस्सेदारी बेचकर की जा सकती है ।सरकार ने इस वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है लेकिन अभी तक वह केवल 57 अरब रुपये ही जुटा पाई है । एलआईसी में हिस्सा बेचकर सरकार इस लक्ष्य को हासिल कर सकती है । आज के वैल्यूएशन के हिसाब से LIC में अपनी 25 % हिस्सेदारी बेचने पर केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं । हालांकि , LIC के कर्मचारी और विपक्षी पार्टियां LIC के विनिवेश ( Disinvestment ) का विरोध कर रही हैं ।
