शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में देश की शिक्षा नीति में बदलाव किया है, जो न सिर्फ बच्चों के ज्ञान बैद्धिक ज्ञान को बढ़ायेंगी बल्कि उनके अंदर की प्रतिभा को भी बाहर लाने का मौका देंगी जिससे बच्चों का सर्वांगिण विकास हो सके। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिये बड़ी घोषणा की है। जिसके तहत अब प्राथमिक विद्यालय के बच्चे भी एनसीईआरटी की किताबें पढ़ेंगे।
यूपी में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे अब अगले शैक्षिक सत्र (2021-22) से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबें पढ़ेंगे। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को चरणबद्ध तरीके से सभी कक्षाओं में लागू किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रथम चरण में शैक्षिक सत्र 2021-2022 में कक्षा एक में एनसीईआरटी की किताबें शुरू की जाएंगी। इसके बाद सत्र 2022-23 में कक्षा दो और तीन में फिर 2023-2024 में कक्षा चार और पांच नया पाठ्यक्रम लागू होगा। इसी तरह शैक्षिक सत्र 2024- 2025 में कक्षा छह, सात और आठ की पाठ्य पुस्तकों में बदलाव किये जाएंगे।
मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यक्रमों में एकीकरण लाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार राज्य के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस निर्णय से विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को पढ़ाई के दौरान स्थान बदलने में पाठ्य पुस्तकों को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी।
इस समय उत्तर प्रदेश के 1.68 लाख सरकारी स्कूलों में करीब 1.8 करोड़ छात्र अध्ययन कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री का कहना है कि पाठ्यक्रम में ये बदलाव निश्चय ही छात्रों के लिए एक उज्जवल भविष्य के निर्माण में सहायक होंगे और व्यावसायिक कुशलता को बढ़ाएंगे।
सोर्स – हिन्दुस्तान
