कोविड-19 महामारी ने अधिकतर कंपनियों के उत्पादन को बुरी तरह से प्रभावित किया। लेकिन कई ऐसी कंपनियां भी हैं, जिन्होंने इस आपदा में भी मुनाफा कमाया है। विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत मिनी रत्न श्रेणी-I में आने वाली भारत की प्रमुख जलविद्युत कंपनी एनएचपीसी लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अपने अंकेक्षित वित्तीय परिणामों की घोषणा कर दी है। एनएचपीसी लिमिटेड ने अब तक का सबसे अधिक लाभ दर्ज किया है। कोविड-19 महामारी के बावजूद एनएचपीसी के पावर स्टेशनों ने वित्त वर्ष 2020-21 में 2,447 मिलियन यूनिट(एमयू) बिजली का उत्पादन किया है।
वित्त वर्ष 2020-21 में कमाया 3,233.37 करोड़ रुपए का मुनाफा
एनएचपीसी ने वित्त वर्ष 2020-21 में एकल आधार पर 3,233.37 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। वहीं पिछले वित्त वर्ष में इसने 3,007.17 करोड़ रुपए का लाभ दर्ज किया था। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इसे परिचालन से 8,506.58 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 8,735.15 करोड़ रुपए था। 2020-21 के लिए समेकित शुद्ध लाभ 3,582.13 करोड़ रुपए रहा जबकि 2019-20 में यह 3,344.91 करोड़ रुपए था। 2020-21 में समूह की कुल आय 10,705.04 करोड़ रुपए थी जबकि 2019-20 में यह 10,776.64 करोड़ रुपए थी।
वित्त वर्ष 20-21 के लिए कुल लाभांश भुगतान 1,607.21 करोड़ रुपए
निदेशक मंडल ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रति शेयर 0.35 रुपए के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। यह कंपनी द्वारा मार्च 2021 में दिए गए प्रति शेयर 1.25 रुपए के अंतरिम लाभांश के अतिरिक्त होगा। वित्त वर्ष 20-21 के लिए कुल लाभांश भुगतान 1,607.21 करोड़ रुपए है जबकि वित्त वर्ष 19-20 के लिए कुल लाभांश भुगतान 1,506.76 करोड़ रुपए था।
एनएचपीसी लिमिटेड भारत में जलविद्युत विकास के लिए सबसे बड़ा संगठन
वर्तमान में, एनएचपीसी लिमिटेड भारत में जलविद्युत विकास के लिए सबसे बड़ा संगठन है। इसका पूरा नाम नैशनल हाइड्रोइलैक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड है। अभय कुमार सिंह एनएचपीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। वे एनएचडीसी लिमिटेड और लोकतक डाउनस्ट्रीम हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉर्पोरेशन लिमिटेड के निदेशक-मंडल के भी अध्यक्ष हैं। इसकी स्थापना 1975 में हुई थी। पिछले महीने ही इसका लेह में 45 मेगावाट का निम्मो बाजगो और कारगिल में 44 मेगावाट का चुतक हाइड्रो पावर स्टेशन बन कर तैयार हो गया है।
हाल ही में जल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड का किया है अधिग्रहण
एनएचपीसी ने पनबिजली, सौर और पवन परियोजनाओं के विकास के लिए नए अवसर तलाशने की दिशा में सभी स्तरों पर संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत की है। एनएचपीसी ने हाल ही में 850 मेगावाट की रैटल जलविद्युत परियोजना को लागू करने के लिए जम्मू-कश्मीर राज्य ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जेकेएसपीडीसी) के साथ एक संयुक्त उद्यम कंपनी रैटल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड का गठन किया है । एनएचपीसी ने सिक्किम में 120 मेगावाट की रंगिट चरण-IV जलविद्युत परियोजना के विकास के लिए जल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड का भी अधिग्रहण किया है।
वर्तमान में एनएचपीसी के लगभग सात लाख शेयरधारक
आज की तिथि में एनएचपीसी के लगभग सात लाख शेयरधारक हैं। एनएचपीसी के सीएमडी ए.के. सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद एनएचपीसी आक्रामक तरीके से विस्तार करने में लगी हुई है और जलविद्युत विकास के मूल व्यवसाय के साथ-साथ अखिल भारतीय स्तर पर अपने सौर तथा पवन ऊर्जा पोर्टफोलियो के विस्तार करने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में एनएचपीसी ने 4,134 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता के साथ 5 परियोजनाओं को लागू करने के लिए समझौता ज्ञापन किया है और वे इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर ध्यान दे रहे हैं।
