भारत और चीन के बीच चल रहा सीमा विवाद ( India China Ladakh Clash ) अभी खत्म नहीं हुआ है . इस बीच जानकारी मिली है कि बॉर्डर विवाद सुलझाने के लिए चीन ने एक ताजा शर्त रखी थी , जिसे भारत ने मानने से इनकार कर दिया . यह शर्त चीन की चालाकियों का एक हिस्साभर थी , जिसे भारत भांप चुका था . बता दें कि भारत और चीन के बीच लद्दाख में मई से सीमा विवाद चल रहा है . पैंगोंग झील और गलवान घाटी में चल रहे विवाद ( India China Ladakh Clash ) को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच सात बार सेन्य कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है . आठवें दौर की बातचीत की तारीख अभी फाइनल नहीं हुई है . यह 3 नवंबर के बाद हो सकती है .
पूर्वी लद्दाख में विघटन पर सैन्य – कूटनीतिक स्तर के आठवें दौर की वार्ता के लिए तारीख को लेकर भारत चीन की पुष्टि का इंतजार कर रहा है । एचटी को पता चला है कि उसने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा फिंगर 4 से चीनी सैनिकों की वापसी की शर्तों को खारिज कर दिया है । भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान में विचार से परिचित अधिकारियों के अनुसार , अगले दौर की वार्ता 19 वीं सीपीसी केंद्रीय समिति के 5 वीं पूर्ण सत्र और 3 नवंबर के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की समाप्ति के बाद होगी । भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी ओर से यह स्पष्ट कर दिया है कि देश विघटन और डी – एस्कलेशन वार्ता को जारी रखने के लिए तैयार है ताकि मई 2020 से तैनात दोनों सेनाएं अपने बैरक में लौट सकें । दोनों पक्षों के बीच हुई चर्चा से परिचित वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के अनुसार , भारत ने पीएलए की यह शर्त मान ली है कि भारतीय सेना को केवल पैंगोंग त्सो के फिंगर 3 तक गश्त करनी चाहिए । चीनी सेना केवल फिंगर 5 तक गश्त करे ये अस्वीकार्य है वरना विवादास्पद फिंगर 4 अधिकृत अक्साई चिन का हिस्सा बन जाएगा ।
क्या है शर्त
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक , चीन की तरफ से शर्त रखी गई थी कि भारतीय सेना फिंगर 3 और चीनी सेना फिंगर 5 तक पेट्रोलिंग कर सकेगी . मतलब एक शर्त में वह भारत की सीमा निर्धारित कर रहा था , दूसरी में वह अपनी सीमा भी खुद ही तय कर रहा था . चीन ने कहा था कि अगर भारत इस शर्त पर राजी होता है तो वह फिंगर 4 के पहाड़ों और पैंगोंग झील के उत्तरी तटों से अपनी सेना को हटा लेगा . इसका सीधा मतलब यह होता कि विवादास्पद फिंगर 4 कब्जाए गए अक्साई चीन का हिस्सा है . हालांकि , इससे पहले भारतीय सेना फिंगर 8 तक भी पेट्रोलिंग करती रही है . इसलिए भारत ने साफ तौर पर इसपर राजी होने से इनकार कर दिया .
