पूर्वी लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच बुधवार को फ्रांस से तीन राफेल विमानों का दूसरा खेप भारत पहुंचा है . वायुसेना के मुताबिक , फ्रांस से उड़ान भरने के बाद ये विमान नॉनस्टॉप गुजरात के जामनगर एयरबेस पर करीब साढ़े आठ घंटे में लैंड हुए . 3 रफाल के आने से भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा हो गया है . बता दें कि इससे पहले 28 जुलाई को पांच रफाल विमान भारत पहुंचे थे और 10 सितंबर को अंबाला में आधिकारिक तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल किए गए थे .
जामनर एयरबेस पहुंचे तीन लड़ाकू विमान
भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर कहा , ‘ रफाल विमानों की दूसरी खेप 4 नवंबर , 2020 को फ्रांस से उड़ान भरने के बाद बिना रुके शाम 8:14 बजे भारत पहुंची . ‘ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना के इस ट्वीट को रिट्वीट किया है .
हवा में ईंधन भरा गया , कोई हाल्ट नहीं
एयरफोर्स ने बताया कि , तीनों राफेल नॉन स्टॉप उड़ान के साथ भारत पहुंचे । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक , इनके साथ हवा में फ्यूल भरने वाला फ्रांस के एयरफोर्स का स्पेशल जेट भी था । जिससे 3 बार मिड एयर री – फ्यूलिंग हुई । पिछली बार 29 जुलाई को फ्रांस से 5 राफेल भारत आए थे । तब भी हवा में ईंधन भरा गया था । हालांकि , तब पांचों राफेल ने फ्रांस के दासौ एविएशन से उड़ान भरने के बाद UAE में हाल्ट किया था । इस बार हाल्ट नहीं रहा ।
परमाणु हमला करने में सक्षम है
राफेल राफेल डीएच ( टू – सीटर ) और राफेल ईएच ( सिंगल सीटर ) , दोनों ही ट्विन इंजन , डेल्टा – विंग , सेमी स्टील्थ कैपेबिलिटीज के साथ चौथी जनरेशन का फाइटर है । ये न सिर्फ फुर्तीला है , बल्कि इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है । इस फाइटर जेट को रडार क्रॉस सेक्शन और इन्फ्रा – रेड सिग्नेचर के साथ डिजाइन किया गया है । इसमें ग्लास कॉकपिट है । इसके साथ ही एक कम्प्यूटर सिस्टम भी है , जो पायलट को कमांड और कंट्रोल करने में मदद करता है ।
इसमें ताकतवर एम 88 इंजन लगा हुआ है । राफेल में एक एडवांस्ड एवियोनिक्स सूट भी है । इसमें लगा रडार , इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन सिस्टम और सेल्फ प्रोटेक्शन इक्विपमेंट की लागत पूरे विमान की कुल कीमत का 30 % है । इस जेट में आरबीई 2 एए एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे ( AESA ) रडार लगा है , जो लो ऑब्जर्वेशन टारगेट को पहचानने में मदद करता है ।
