प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना प्रकोप के बाद सातवीं बार देश की जनता को संबोधित किया । इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ‘ त्योहारों का समय है , लेकिन हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो , वायरस नहीं गया है ।उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्पू से लेकर आजतक हम सभी भारतीयों ने बहुत लंबा सफर तय किया है । समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे – धीरे तेजी आ रही है । ‘
कोरोनाकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को देश को संबोधित किया । पीएम मोदी ने अपने संबोधन में वायरस , लॉकडाउन , कोरोना वैक्सीन , त्योहारों आदि का जिक्र किया । उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना है कि लॉकडाउन भले चला गया है , लेकिन वायरस नहीं गया है । उन्होंने कहा कि बीते 7-8 महीनों में हम सब भारतीय के प्रयास से भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं , हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है और अधिक सुधार करना है । प्रधानमंत्री का संबोधन ऐसे समय हुआ , जब बिहार में विधानसभा चुनाव सहित कई राज्यों में उपचुनाव हो रहे हैं और साथ ही दुर्गापूजा का त्योहार जारी है । इसके अलावा दशहरा , दीवाली व छठ जैसे पर्व नजदीक हैं ।
पीएम मोदी ने कहा , ‘ ‘ संत कबीर दास जी ने कहा है- पकी खेती देखिके , गरब किया किसान , अजहूं झोला बहुत है , घर आवै तब जान . ” अर्थात कई बार हम पकी हुई फसल देखकर अति आत्मविश्वास से भर जाते हैं कि अब तो काम हो गया , लेकिन जब तक फसल घर न आ जाए तब तक काम पूरा नहीं मानना चाहिए . हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो , वायरस नहीं गया है . बीते 7-8 महीनों में , प्रत्येक भारतीय के प्रयास से , भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं , हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है और अधिक सुधार करना है . प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवा परमो धर्म : के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टर , नर्स और स्वास्थ्य कर्मी इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं . इन सभी प्रयासों के बीच , ये समयलापरवाह होने का नहीं है . ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया , या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का मुख्य अंश
आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है , फैटेलिटी रेट कम है । दुनिया के साधन – संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है ।
कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है । सेवा परमो धर्म : के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टर , नर्स , हेल्थ वर्कर इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं । इन सभी प्रयासों के बीच , ये समय लापरवाह होने का नहीं है ।
ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया , या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है । हाल के दिनों में हम सबने बहुत सी तस्वीरें , वीडियो देखे हैं जिनमें साफ दिखता है कि कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है । ये ठीक नहीं है ।
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कयूं से लेकर आज तक हम भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है । समय के साथ आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं ।
- हम में से अधिकांश लोग , अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए , फिर से जीवन को गति देने के लिए , रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं । त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे – धीरे लौट रही है ।
- लेकिन हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो , वायरस नहीं गया है । बीते 7-8 महीनों में , प्रत्येक भारतीय के प्रयास से , भारत आज जिस संभली हई स्थिति में हैं , हमें उसे बिगडने नहीं देना है ।
अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं , बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं , तो आप अपने आप को , अपने परिवार को , अपने परिवार के बच्चों को , बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं ।
आप ध्यान रखिए , आज अमेरिका हो , या फिर यूरोप के दूसरे देश , इन देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे , लेकिन अचानक से फिर बढ़ने लगे । जब तक सफलता पूरी न मिल जाए , लापरवाही नहीं करनी चाहिए । जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती , हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना है ।
• बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है । अनेक देश इसके लिए काम कर रहे हैं । हमारे देश के वैज्ञानिक भी वैक्सीन के लिए जी – जान से जुटे हैं । भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन्स पर काम चल रहा है । इनमें से कुछ एडवान्स स्टेज पर हैं ।
जब तक सफलता पूरी न मिल जाए, लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना है।
कोरोना की vaccine जब भी आएगी, वो जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचे इसके लिए भी सरकार की तैयारी जारी है। एक-एक नागरिक तक vaccine पहुंचे, इसके लिए तेजी से काम हो रहा है।
एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं, थोड़ी सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है, हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की ज़िम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनो साथ साथ चलेंगे तभी जीवन में ख़ुशियाँ बनी रहेंगी।
दो गज की दूरी, समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना और मास्क का ध्यान रखिए।
